उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिदायत के बाद भी यूपी के बदमाशों पर कोई असर नही पड़ रहा है।अखिलेश राज की तरह योगी राज में भी बेखौफ अपराधी ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। यूपी में बदमाशों के हौसले कितने बुलंद है इसका अंदाजा आप इसी ख़बर से लगा सकते है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिजनौर के मंडावल थाने में तैनात बालावाली चौकी प्रभारी सब-इंस्पेक्टर (एसआई) सहजोर सिंह मलिक की शुक्रवार (30 जून) शाम बदमाशों ने उनकी गला काटकर हत्या कर दी। घटना के बाद से मृतक एसआई की पिस्टल भी गायब है।
ख़बरों के मुताबिक, यह घटना उस वक्त हुई जब सहजोर सिंह अपनी मोटरसाइकिल से मंडावल थाने से बालावाली चौकी जा रहे थे तभी कुछ अज्ञात बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी, इसके बाद उनकी लाश सड़क के किनारे धान के खेत मे फेंककर भाग गये। यही नहीं दरोगा की सर्विस पिस्टल गायब मिली है मृतक के सिर पर हेलमेट लगा मिला वर्दी पूरी तरह खून से लथपथ थी।
पुलिस अधिकारी घटना की जांच में जुट गए हैं, लेकिन पुलिस को अभी तक कोई भी सुराग नहीं मिला है। ख़बरों के मुताबिक, सहजोर सिंह मलिक चौकी पर बने आवास में ही रहते थे। उनका परिवार मेरठ के कंकडखेड़ा में बाईपास पर रहता है।
Bijnor(UP): Unidentified assailants killed Sub Inspector Sehroj Singh, posted in Balawali, by slitting his throat. pic.twitter.com/ql9fFA2ckg
— ANI UP (@ANINewsUP) July 1, 2017
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश में नई सरकार बनते ही लोगों में नई उम्मीद जगी थी। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही योगी आदित्यनाथ के तेवर देख कर लोगों को लगा था कि अब तो अपराधियों के दिन लद गए। खुद सीएम योगी ने भी एलान किया था कि अपराधी राज्य को छोड़कर चले जाएं, अब यूपी में उनकी खैर नहीं है। लेकिन उसके बाद भी हर रोज हो रहे वारदात ने सारी उम्मीदों पर पानी फिरता जा रहा है।
योगी राज में बढ़ा अपराध: आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबित, राज्य सरकार के आंकड़े बताते हैं कि नई सरकार के बनने के बाद महज डेढ़ महीने में पिछले 2 वर्षों की तुलना में अपराधों में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी लूट और रेप की घटनाओं में हुई है। ये आंकड़े 16 मार्च से 30 अप्रैल के बीच के हैं। इस पर गौर करें तो 2016 में डकैती की घटनाएं 27 थी, जबकि 2017 में 47 हो गई। 2016 में रेप के 440 केस दर्ज हुए, तो 2017 में 603 केस दर्ज हुए हैं, कुल अपराध की बात करें तो 2016 में कुल 32954 केस दर्ज हुए, 2017 में 42444 केस सामने आए।