बिहार सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी राज्य में अवैध रूप से शराब की बिक्री जारी है, जिसका अंदाजा आप इसी ख़बर से लगा सकते है। शराबबंदी वाले राज्य बिहार में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड (जदयू) के प्रदेश उपाध्यक्ष का नशे में धुत होकर नाचने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के प्रदेश उपाध्यक्ष शराब पार्टी करते और शराब की बोतल हाथ में लिए नागिन डांस करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि एक कमरे में शराब की पार्टी चल रही है और उसमें कई अन्य दूसरे लोग भी शामिल है। डांस करने वाले नेता की पहचान युवा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष विशाल गौरव के रूप में हुई है। इस वीडियो को राष्ट्रीय जनता दल ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है।
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस वीडियो को शेयर करते हुए, “नीतीश कुमार जी के ये लाड़ले जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष है। नीतीश कुमार की बहुचर्चित शराबबंदी में ये महाशय ख़ुद को नागिन डांस के तड़के पर सनिटाइज कर रहे है। बिहार में ग़रीब राशन के अभाव में मर रहे है और सीएण के करीबी क़ानून की धज्जियाँ उड़ा जाम छलका रहे है। सब काम कागजी हो रहा है।”
तेजस्वी प्रसाद यादव ने इस वीडियो को शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, “आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, इसे तुरंत गिरफ़्तार किया जाए। क़ानून का उल्लंघन करने वाला यह शख़्स अगर गिरफ़्तार नहीं होता है तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि सरकार स्वयं इस क़ानून का उल्लंघन कर और करवा रही है।”
आदरणीय मुख्यमंत्री @NitishKumar जी, इसे तुरंत गिरफ़्तार किया जाए। क़ानून का उल्लंघन करने वाला यह शख़्स अगर गिरफ़्तार नहीं होता है तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि सरकार स्वयं इस क़ानून का उल्लंघन कर और करवा रही है। https://t.co/DXU1fGypYm
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 11, 2020
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जेडीयू ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटा दिया है। जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता ओमप्रकाश सिंह कहा कि युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अभय कुशवाहा के निर्देशानुसार प्रदेश उपाध्यक्ष विशाल गौरव की आपत्तिजनक वीडियो आने के कारण तत्काल प्रभाव से उनको पद से हटा दिया गया है।
बता दें कि, बिहार में शराबबंदी लागू हुए कई साल हो चुका हैं, लेकिन उसके बाद भी राज्य में अवैध रूप से शराब की बिक्री जारी है। सूबे में एक अप्रैल, 2016 को शराबबंदी के पहले चरण की शुरुआत हुई थी। इसके पांचवें दिन ही यानी 5 अप्रैल को अचानक सूबे में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी गई थी। शराबबंदी के सख्त कानून ने राज्य के दसियों हजार से ज्यादा लोगों को जेल में डाल रखा है।