व्हीलचेयर पर निर्भर एक व्यक्ति ने मंगलवार (19 दिसंबर) को आरोप लगाया कि उसे 17 दिसंबर को बेंगलूरू से कोलकाता जाने वाले एयर इंडिया के विमान में चढ़ने नहीं दिया गया क्योंकि उसने अपनी व्हीलचेयर की बैटरी के तार हटाने से मना कर दिया था।
न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, भारतीय सांख्यिकी संस्थान आईएसआई में सहायक प्रोफेसर कौशिक मजूमदार ने (पीटीआई) को बताया कि व्हीलचेयर को जब भी विमान में चढ़ाया जाता है, बैटरी का कनेक्शन हटा दिया जाता है और इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया था।
उन्होंने कहा, स्टाफ का बर्ताव अजीब सा था और उन्होंने बैटरी के सभी तार हटाने को कहा जो उस उपकरण को पूरी तरह खराब कर देता जिस पर मैं निर्भर हूं। कौशिक मजूमदार के मुताबिक, उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
वहीं आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एयर इंडिया के कारपोरेट कम्युनिकेशन्स के महाप्रबंधक जीपी राव ने कहा कि कोई भी यात्री नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के मापदंडों का उल्लंघन नहीं कर सकता है और यात्रियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि बोर्डिंग गेट पर यात्री ने बैटरी को हटाने का वायदा किया था, लेकिन वहां पहुंचने पर इसे हटाने से इनकार कर दिया। राव ने कहा कि पायलट को इस बारे में बताया गया और उन्होंने यात्री को विमान में आने की इजाजत नहीं दी।
बता दें कि, कुछ दिनों पहले दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइन के दो कर्मचारियों ने 53 साल के यात्री से बदसलूकी, धक्कामुक्की और मारपीट का वीडियो सामने आया था।
हालांकि, इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एयरलाइन ने दोनों आरोपी कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया है। हालांकि इस घटना के बाद विमानन कंपनी ने यात्री से माफी मांगी।