मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में कल देश के कई शहरों में सड़क पर उतरेंगे हजारों लोग

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दिल्ली से मथुरा जा रही ईएमयू ट्रेन में मामूली विवाद के बाद गुरुवार(22 जून) को मारे गए हरियाणा के बल्लभगढ़ निवासी मुसलमान युवक जुनैद खान की हत्या के बाद से भारत सहित विश्व भर में रह रहे भारतीय मुसलमान गुस्से में हैं। रोजेदार की हत्या से गुस्साए मुस्ल‍िम समुदाय के लोगों ने सोमवार(26 जून) को ईद के मौके पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी और अपना विरोध जताया।

(Source: Facebook)

इसके अलावा मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में कल(28 जून) देश के कई शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे। यह प्रदर्शन दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम और बेंगलुरु में होगा। यह अभियान सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया है। इसके लिए फेसबुक पर ‘नॉट इन माई नेम’ के नाम से एक ग्रुप बनाया गया है जिसे हजारों लोगों द्वारा अपने-अपने अकाउंट पर शेयर किया जा रहा है।

इस अभियान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह विरोध-प्रदर्शन बिना किसी नेता का होगा। साथ ही यह प्रदर्शन किसी भी पार्टी या संगठन के बैनर तले नहीं होगा। इस अभियान से लगातार लोग जुड़ रहे हैं और हजारों लोगों ने मुसलमानों के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में सड़कों पर उतरने का संकल्प लिया है।

दिल्ली में यह विरोध-प्रदर्शन जंतर-मंतर पर कल शाम 6 बजे होगा। ‘नॉट इन माई नेम’ के स्लोगन के साथ इस अभियान को सबसे पहले फिल्म निर्माता सबा दीवान ने शुरू की थी, जो अब फेसबुक और ट्विटर वायरल हो गया है। सबा ने कहा कि इस अभियान को इतनी बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिलना उनकी नाराजगी तथा दुख को व्यक्त करता है।

सबा ने कहा कि उन्हें ऐसी प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद नहीं थी। इन प्रदर्शनों से हमें महसूस होगा कि हम जीवित हैं तथा उम्मीदें कायम हैं। निर्माता ने कहा कि इस प्रदर्शन में मृतक जुनैद के परिवार को भी भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस अभियान के लिए जो ग्राफिक्स तैयार किया गया है उसमें खून से सना हुआ एक चप्पल दिखाई दे रहा है, जिस पर लिखा है “नॉट इन माई नेम”।

साथ ही इस ग्रुप में एक संदेश लिखा गया है जो इस प्रकार है:-

‘देश भर में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती हुई घातक हिंसा के खिलाफ हम सारे नागरिक विरोध प्रदर्शन के लिए इकठ्ठा होंगें। हाल ही में सोलह वर्षीय जुनैद के साथ जो दिल्ली से चली ट्रैन में 23 जून 2017 को हुआ, वो एक लम्बी और भयानक श्रंखला का हिस्सा है। इस देश के नागरिकों के रूप में, हम एकजुट होंगें, और कविता और संगीत के माध्यम से, यह स्पष्ट करेंगे की इन बढ़ती हुई हत्यायों और उसके पीछे की सांप्रदायिक विचारधारा का हम सरासर विरोध करते हैं। इस नफरत के खिलाफ हम सब की आवाज़ बुलंद है। अगर अब नहीं तो फिर कब? आखिर जीवन और समानता का अधिकार भारत के संविधान में निहित एक मौलिक अधिकार है। अब समय आ गया है की हम भारत के नागरिक अपने संविधान की रक्षा करें।

कृपया अपने साथ बैनर लाए – “नफरत के खिलाफ, हम सब की आवाज़”

यह विरोध प्रदर्शन सभी नागरिकों के लिए हैं। सभी का स्वागत है, लेकिन पार्टी या संगठन के बैनर के बिना।’

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