15 साल पुराने केस में शुक्रवार(25 अगस्त) को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिया, उनके सजा का ऐलान आज(28 अगस्त) को होगा। इसके लिए रोहतक जेल में कोर्ट रूम बनाया गया है, जेल के आसपास किसी भी संदिग्ध को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं।
हरियाणा और पंजाब में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सीबीआई कोर्ट द्वारा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी करार दिए जाने के बाद अब हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, जिसके बाद अब उसके समर्थक भी आरोपों के घेरे में आने लगे हैं।
डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ फैसला आने के बाद डेरा प्रेमी की गुमशुदगी का मामला भी सामने आया है, जिसके बाद अब उसके समर्थक भी आरोपों के घेरे में आने लगे हैं। गुमशुदा डेरा प्रेमी के भाई ने अब पीड़ा व्यक्त करते हुए सरकार से इंसाफ की मांग की है। जब डेरा प्रमुख को दुष्कर्म के एक मामले में दोषी करार दिया गया है, तो उन्हें भी न्याय की उम्मीद जगी है।
Haryana: Family from Kaithal allege one of them hasn't returned home 3 yrs after going to Mumbai on cleanliness drive of #DeraSachaSauda pic.twitter.com/56nm2Zv9OC
— ANI (@ANI) August 28, 2017
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के कैथल में रहने वाले पीड़ित रामचंद्र ने डेरा अनुयायियों पर उसके भाई को लापता करने का आरोप लगाया। रामचंद्र ने बताया कि करीब तीन वर्ष पहले 23 अक्तूबर 2014 में कैथल डेरा समर्थक खैराती लाल, सुशील कुमार, कांता देवी, धीरा राम व महेंद्र सिंह उसके भाई रोशन लाल को बस में बैठाकर डेरा द्वारा चलाए जा रहे सफाई अभियान के लिए मुंबई लेकर गए थे, लेकिन वह अब तक घर वापस नहीं लौटा है।
जब उसने भाई के बारे में उसे ले जाने वाले लोगों से बातचीत करने की कोशिश की तो इन लोगों ने उसके परिवार को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। बार-बार रोशन लाल के बारे में पूछने के बावजूद आरोपियों द्वारा उसे केवल गुमराह ही किया गया।
ख़बरों के अनुसार, रोशन लाल के बडे़ बेटे अरूण ने बताया कि उन्होंने 28 अगस्त 2016 को मुंबई के बीकेसी भरतनगर थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई, लेकिन अभी तक पिता के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। रामचंद्र का कहना है कि, वे तीन साल से अपने छोटे भाई की तलाश में मुंबई सहित अन्य शहरों में भटक रहा है, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।
दो साल गुजरने के बाद उन्हें अभियान में साथ गए कैथल के लोगों से जानकारी मिली कि कैथल के डेरा प्रेमियों के साथ उनके पिता का झगड़ा हो गया था। झगड़ा होने के बाद वे कहां गए इस बारे में उन्हें भी कुछ पता नहीं।
रामचंद्र का कहना है कि, भाई का पता लगाने के लिए वे तीन सालों से इंसाफ के लिए भटक रहे हैं। जब डेरा प्रमुख को दुष्कर्म के एक मामले में दोषी करार दिया गया है, तो उन्हें भी अब न्याय की उम्मीद जगी है।