15 साल पुराने केस में शुक्रवार(25 अगस्त) को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिया, सजा पर फैसला 28 अगस्त को होगा। उसके बाद डेरा समर्थकों ने हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों पर जमकर उत्पात मचाया। इस हिंसक प्रदर्शन में करीब 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। डेरा समर्थकों ने अलग-अलग जगहों पर करीब 100 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है।
डेरा समर्थकों के उपद्रव पर हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार का जमकर फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए सरकार ने पंचकूला को जलने के लिए छोड़ दिया। फुल बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि हालात के सामने सरकार ने सरेंडर कर दिया। एनडीटीवी की ख़बर के मुताबिक, हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी डांट लगाई और प्रधानमंत्री के बारे में कहा, वह देश के प्रधानमंत्री हैं, न कि बीजेपी के।
कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब केंद्र सरकार के वकील ने यह कहा कि कल की हिंसा राज्य का विषय है। इस पर कोर्ट ने कहा, क्या हरियाणा, भारत का हिस्सा नहीं है? पंजाब और हरियाणा के साथ सौतेले बच्चे की तरह बर्ताव क्यों किया जा रहा है?
गौरतलब है कि, इससे पहले कोर्ट ने शुक्रवार को भी राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पूछा था कि इंटेलिजेंस इनपुट्स होने के बावजूद सरकार ने भीड़ को काबू करने के लिए पर्याप्त कदम क्यों नहीं उठाए? धारा 144 लागू होने के बावजूद इतनी बड़ी तादाद में लोग पंचकूला कैसे पहुंच गए? कोर्ट ने साफ किया कि हिंसा में जिनका भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जाएगी।