गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने सोमवार को असम में पुलिस हिरासत से रिहा होने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ’56 इंच की कायरता’ का तंज कसते हुए तीखा हमला किया।
पत्रकारों से बात करते हुए, मेवाणी ने कहा, “उन्होंने (असम पुलिस ने) मुझे असम ले जाने के बाद गुजरात विधानसभा अध्यक्ष को सूचित किया। मेरा मानना है कि असम पुलिस ने गुजरात के गौरव को खंडित किया है।”
असम पुलिस ने पिछले महीने मेवानी को मोदी की आलोचना करने वाले ट्वीट के लिए गुजरात से गिरफ्तार किया था। उन्हें असम ले जाया गया था और बाद में वहां की एक स्थानीय अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। अदालत ने विधायक के खिलाफ कथित झूठे मामले दर्ज करने के लिए पुलिस को फटकार भी लगाई थी ।
सत्र न्यायाधीश बरपेटा ए. चक्रवर्ती ने मेवाणी को जमानत दी थी और गुवाहाटी उच्च न्यायालय से आग्रह भी किया था कि वह असम पुलिस को अपने बल में तत्काल सुधार लाने का निर्देश देने पर विचार करे।
सेशन कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा था, “नहीं तो हमारा राज्य एक पुलिस स्टेट बन जाएगा, जिसे समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता।”
मेवाणी को पहले केस में जमानत दे दी गई थी, लेकिन असम पुलिस ने उन्हें तुरंत फिर से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने उन पर आरोप लगाया था कि गुजरात के विधायक ने एक महिला पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की और गुवाहाटी से कोकराझार ले जाते समय उसे एक पुलिस वैन के अंदर धकेलने के लिए बल प्रयोग किया था।
मेवाणी ने कहा कि असम पुलिस द्वारा एक महिला कांस्टेबल का इस्तेमाल करना एक कायरतापूर्ण कार्य था। “इस पर उनकी इतनी थू थू हुई। बावजूद इसके उनको कोई शर्मिंदगी नहीं हुई। एक महिला को आगे किया और दूसरा FIR मुझ पर करवाया। मैं मानता हूँ कि इस से बड़ी बुज़दिली और कायरता कुछ नहीं हो सकती। मैं ये कहना चाहूंगा, ये है 56 इंच की कायरता, ये है 56 इंच की बुज़दिली। ”
’56 इंच’ का प्रयोग मोदी के संदर्भ में था, जिनके समर्थकों ने अक्सर प्रधानमंत्री को 56 इंच की छाती के आकार वाले व्यक्ति के रूप में पेश किया है।
अदालत ने पुलिस के बयान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था और विधायक को जमानत दे दी थी।
असम में बीजेपी का शासन है और मेवाणी के खिलाफ शिकायत बीजेपी के एक पदाधिकारी की शिकायत पर दर्ज कराई गई थी.