भारत के 2011 विश्व कप में नायक रहे क्रिकेटर युवराज सिंह ने सोमवार (10 जून) को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। कैंसर पर विजय हासिल करने के आठ साल बाद भावुक युवराज सिंह ने सोमवार को उतार चढ़ाव से भरे अपने करियर को अलविदा कहने की घोषणा की जिसमें उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि भारत की 2011 की विश्व कप जीत में अहम योगदान रहा।
प्रतिभा के धनी इस करिश्माई खिलाड़ी को सीमित ओवरों की क्रिकेट का दिग्गज माना जाता रहा है, लेकिन उन्होंने इस टीस के साथ संन्यास लिया कि वह टेस्ट मैचों में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए। बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने हालांकि संन्यास लेने से पहले कई बार परिस्थितियों को अपने पक्ष में मोड़ने के प्रयास किए।
तमाम बधाई संदेशों के बीच टीम इंडिया के उप-कप्तान रोहित शर्मा ने भी युवराज सिंह के लिए एक भावनात्मक ट्वीट किया है।रोहित शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि युवराज को बेहतर विदाई मिलनी चाहिए थी। रोहित ने लिखा, “तुम नहीं जानते कि अबतक तुमने जो भी हासिल किया है, वह शानदार है। बहुत सारा प्यार मेरे भाई, तुम इससे बेहतर विदाई के हकदार थे।”
You don’t know what you got till its gone. Love you brotherman You deserved a better send off. @YUVSTRONG12 pic.twitter.com/PC2cR5jtLl
— Rohit Sharma (@ImRo45) June 10, 2019
37 वर्षीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने संन्यास लेने का ऐलान करते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैंने 25 साल 22 गज की पिच के आसपास बिताने और लगभग 17 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद आगे बढ़ने का फैसला किया है। क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया और यही वजह है कि मैं आज यहां पर हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत भाग्यशाली रहा कि मैंने भारत की तरफ से 400 मैच खेले। जब मैंने खेलना शुरू किया था तब मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकता था। ’’
इस आक्रामक बल्लेबाज ने कहा कि वह अब ‘जीवन का लुत्फ’ उठाना चाहता है और बीसीसीआई से स्वीकृति मिलने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न टी20 लीग में फ्रीलांस खिलाड़ी के रूप में खेलना चाहता है। लेकिन अब वह इंडियन प्रीमियर लीग में नहीं खेलेंगे।
युवराज ने भारत की तरफ से 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन्होंने टेस्ट मैचों में 1900 और वनडे में 8701 रन बनाये। उन्हें वनडे में सबसे अधिक सफलता मिली। टी20 अंतरराष्ट्रीय में उनके नाम पर 1177 रन दर्ज हैं।
बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने अपने करियर के तीन महत्वपूर्ण क्षणों में विश्व कप 2011 की जीत और मैन आफ द सीरीज बनना, टी20 विश्व कप 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में छह छक्के जड़ना और पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में 2004 में पहले टेस्ट शतक को शामिल किया। विश्व कप 2011 के बाद कैंसर से जूझना उनके लिये सबसे बड़ी लड़ाई थी।