दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया में सोमवार(5 जून) शाम को आयोजित एक इफ्तार पार्टी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता इंद्रेश कुमार को बुलाने पर विवाद बढ़ गया। जामिया के छात्रों ने इंद्रेश के पहुंचने पर उनके विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि, विवाद बढ़ने पर जामिया ने इस कार्यक्रम से खुद को अलग कर लिया।इफ्तार पार्टी के आयोजक मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुस्लिम चौधरी ने कहा कि इंद्रेश कुमार के अलावा जामिया के प्रोफेसर और छात्र इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हुए थे। वहीं, जामिया की प्रवक्ता साइमा सईद ने कहा कि यह कार्यक्रम मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने रखा था। विश्वविद्यालय ने सिर्फ कार्यक्रम के लिए स्थल दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जामिया के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सोमवार शाम को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से इफ्तार पार्टी रखी गई थी। इसमें आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार को बुलाया गया था। इनके पहुंचने पर छात्र संगठनों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद आरएसएस नेता को काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए। विश्वविद्यालय में विवाद बढ़ता देख पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग कर प्रदर्शनकारी छात्रों को रोका।
प्रदर्शन कर छात्रों ने प्रशासन पर आरएसएस नेता को बुलाकर इफ्तार पार्टी को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। वहीं, आयोजकों का कहना है कि सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए हमने उन्हें बुलाया था। इफ्तार पार्टी में किसी को भी बुलाया जा सकता है। इफ्तार पार्टी में गाय के दूध और खजूर दोनों से रोजा तोड़ा गया।
छात्रों ने पुलिस पर उनके साथ झड़प करने का भी आरोप लगाया है। विरोध प्रदर्शनकारियों में से एक छात्र अकदस सामी ने कहा कि उनके कुछ सहयोगियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इन प्रदर्शनकारियों पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान इनको माफ कर दे और जन्नत दे।
घर में तुलसी का पेड़ लगाएं मुस्लिम
इस दौरान इंद्रेश कुमार के भाषण को लेकर भी विवाद छिड़ गया है। इंद्रेश कुमार ने सभी मुस्लिमों से घर में तुलसी का पौधा लगाने को कहा और साथ ही मांस न खाने की भी हिदायत दी। आरएसएस नेता ने कहा कि पैगंबर अब्राहम के मुताबिक सभी को मीट खाने से बचना चाहिए। जो लोग मीट खाते हैं, हत्या करते हैं या इसे बेचते हैं वे बीमारी को बुलावा देते हैं।
कुमार ने यह भी सुझाव दिया कि भारतीय मुसलमानों को घर में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए ताकि वे इसे रोज देखकर मरने के बाद जन्नत पहुंचे। साथ ही उन्होंने तीन तलाक को महापाप करार दिया। उन्होंने हिन्दू आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में खुद का नाम उछाले जाने पर कहा कि भारत सरकार ने उन्हें फंसाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई और सरकार ही बदल गई।
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