प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में सफाई को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था। इस अभियान के तहत भारत के ग्रामीण इलाकों को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए कई प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं पीएम मोदी और उनके मंत्री समय-समय पर लोगों को स्वच्छता की सीख भी देते रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि पीएम मोदी का गोद लिया हुआ गांव जयापुर अभी तक खुले में शौच मुक्त नहीं हो पाया है।
बता दें कि, पीएम मोदी ने साल 2014 में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत अपने संसदीय क्षेत्र में जयापुर गांव को गोद लिया था। इसके बाद यह गांव रातों रात सुर्खियों में आ गया था, जो अब तक सुर्खियों में बना हुआ है। अभी तक यह गांव खुले में शौच से मुक्त नहीं हो पाया है, गांव के कई लोग अभी भी शौच के लिए बाहर जाते हैं।
ख़बरों के मुताबिक, जयापुर गांव में सरकार और एनजीओ ने मिलकर 430 परिवारों के लिए 624 शौचालयों का निर्माण किया था। जबकि गांव को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए अभी करीब 200 और शौचालयों की जरुरत है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की ख़बर के मुताबिक, एक एनजीओ के अनुसार इतने शौचालय बनवाने के लिए 98.88 लाख रुपए खर्च होंगे। वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि जो शौचालय बनाए गए वो खस्ताहाल हैं, टूटे हुए हैं, ऐसे शौचालयों को कोई इस्तेमाल कैसे करे। इतना ही नहीं, कई जगहों पर पानी तक नहीं है।
वहीं जो शौचालयों ठिक है वह घरों से इतनी दूर हैं कि किसी के लिए भी उनका इस्तेमाल करना मुश्किल है। जिस कारण पीएम मोदी का यह गांव फिर से खुले में शौच से मुक्त के होने के कुछ ही महीने बाद एक बार फिर से खुले में शौच युक्त हो गया।
गांव के ही एक शख्स ने अपना टूटा हुआ शौचालय दिखाते हुए कहा, ‘हम इस शौचालय का इस्तेमाल कैसे करें? ख़बरों के मुताबिक, वहीं गांव के कुछ लोगों का कहना है कि धांधली के तहत किसी के घर में 2-2 शौचालय बनवा दिए गए हैं, और किसी घर में एक भी शौचालय नहीं बन सका है।