गुजरात के मेहसाना में सोमवार(5 जून) को रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत के शिकार पाटीदार समुदाय के 28 वर्षीय व्यक्ति के परिजनों ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया। उधर, इस मौत को लेकर गुरुवार(8 जून) को उत्तरी गुजरात के कई हिस्सों में पूरी तरह बंद रहा।पुलिस हिरासत में उत्पीडन का आरोप लगाने वाले दिवंगत केतन पटेल के परिजनों ने गुजरात सरकार द्वारा निष्पक्ष जांच के आश्वासन के बावजूद शव लेने से इनकार कर दिया। केतन के पिता ने उनके बेटे को यातनाएं देने और मारने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होने तक मेहसाणा सरकारी अस्पताल के बाहर बैठने की धमकी दी।
कई पाटीदार संगठनों द्वारा आहूत बंद से मेहसाणा, साबरकांठा, पाटन और बनासकांठा जिलों में जनजीवन काफी हद तक प्रभावित रहा। पुलिस ने कहा कि अग्यात लोगों ने मेहसाणा जिले के विसनगर कस्बे के पास एक सरकारी बस में आग लगा दी।
इस मामले में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी ट्वीट कर गुजरात सरकार पर निशाना साधा है। पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘उत्तर गुजरात में सरकारी अत्याचार के सामने बंद के ऐलान को अभूतपूर्व समर्थन. बहुत हुए थप्पड़, अब हाथ हमारा गाल तुम्हारा!’
उत्तर गुजरात में सरकारी अत्याचार के सामने बंद का एलान।
बंद के एलान को अभूतपूर्व समर्थन
बहुत हुवे थप्पड़, अब हाथ हमारा गाल तुम्हारा!!!!— Hardik Patel (@HardikPatel_) June 8, 2017
मेहसाना पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा कि बिसनगर काडा रोड पर भीड़ ने एक बस में आग लगा दी। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। मेहसाणा के बालोल गांव का निवासी केतन चोरी के एक मामले में चार जून से मेहसाना जेल में न्यायिक हिरासत में बंद था। उसकी पांच जून की रात को सरकारी अस्पताल में मौत हो गई थी।