वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया समूह NDTV के सह-संस्थापक व कार्यकारी सह-अध्यक्ष प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के आवासों और कार्यालयों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मारे गए छापों और उसके द्वारा दायर की गई एफआईआर को चुनौती देते हुए NDTV और उसकी प्रमोटर कंपनी ने गुरुवार(6 जुलाई) को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
NDTV के मुताबिक, इस याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई को 21 सितंबर तक मामले में अदालत में स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। NDTV ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा कि, ‘चूंकि यह मामला अब अदालत में है, हम इस पर आगे कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।’
बता दें कि सीबीआई ने 5 जून, 2017 को प्रणय रॉय के घर पर तलाशी ली। सीबीआई के मुताबिक छापे दिल्ली के दो, देहरादून के एक और मसूरी के एक परिसर में ली गई। CBI ने प्रणय रॉय, राधिका रॉय और आरआरपीआर होल्डिंग्स के खिलाफ एक प्राइवेट कंपनी और आईसीआईसीआई बैंक को कथित तौर पर 48 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया है।
NDTV ने लगाया बदले की कार्रवाई का आरोप
हालांकि, CBI की इस छापेमारी को NDTV ने बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया है। छापेमारी के बाद NDTV ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर कहा था कि ‘आज सुबह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पुराने और अंतहीन झूठे आरोपों के आधार पर एनडीटीवी एवं उसके प्रमोटरों के संगठित उत्पीड़न को और अधिक बढ़ा दिया।’
बयान में कहा गया था कि एनडीटीवी और उसके प्रमोटर विभिन्न एजेंसियों की ओर से की जा रही इस बदले की कार्रवाई के खिलाफ लगातार लड़ते रहेंगे। इसमें कहा गया, ‘हम भारत में लोकतंत्र और बोलने की स्वतंत्रता को बुरी तरह से कमजोर कर देने के इन प्रयासों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे।’
भारत के संस्थानों और भारत जिन चीजों के लिए खड़ा है, उन्हें बर्बाद करने की कोशिश करने वालों के लिए हम एक संदेश देना चाहते हैं कि हम अपने देश के लिए लड़ेंगे और इन ताकतों पर जीत हासिल करेंगे।’
क्या है पूरा मामला
दरअसल, सीबीआई ने 5 जून, 2017 को एक बैंक से धोखाधड़ी के आरोप में एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के घर और कार्यालयों पर छापेमारी की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ पत्रकार प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय पर फंड डायवर्जन तथा बैंक से धोखाधड़ी का आरोप है।
जांच एजेंसी ने आईसीआईसीआई बैंक को नुकसान पहुंचाने के आरोप में प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका रॉय और एक निजी कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। वर्ष 2008 में बैंक ने रॉय के अपने शेयरों को गिरवी रखने की गारंटी पर प्राइवेट होल्डिंग्स कंपनी को 366 करोड़ का कर्ज दिया था।
एक साल के अंदर बैंक ने कर्ज खाता बंद कर दिया। आरोप है कि इससे बैंक को 48 करोड़ का नुकसान हुआ। पिछले हफ्ते इस मामले की जांच शुरू करने वाली सीबीआई ने बताया कि रॉय ने यह रकम आरआरपीआर के बैंक खाते से निकाल ली। सीबीआई के मुताबिक, इसी मामले को लेकर 5 जून को प्रणय रॉय के दिल्ली के दो, उत्तराखंड में देहरादून के एक और मसूरी के एक परिसर पर छापेमारी की गई।
जांच एजेंसी ने अपनी एफआईआर में कहा है कि एनडीटीवी और आईसीआईसीआई ने बैंकिंग नियमों और सेबी अधिनियम का उल्लंघन कर न्यूज कंपनी एनडीटीवी का मालिकाना हक एक मुखौटा कंपनी को हस्तांतरित करने की आपराधिक साजिश रची।
बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में एनडीटीवी के खिलाफ 2,030 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया था। ईडी का ये नोटिस प्रणय रॉय, राधिका रॉय और सीनियर एग्जीक्यूटिंव केवीएल नारायण राव के खिलाफ जारी किया गया था।