अमेरिका के नागरिक अधिकार आंदोलन के आदर्श मार्टिन लूथर किंग जूनियर के बेटे, मार्टिन लूथर किंग तृतीय (III) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच समानताओं के उतार चढ़ाव को दर्शाने वाली टिप्पणी की है।
photo- hindustantimesमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मार्टिन लूथर किंग ने सामुदायिक तीन दिवसीय सम्मेलन “क्वेस्ट फॉर इक्विटी- सामाजिक न्याय का पुनर्मूल्यांकन करते हुए अम्बेडकर” के उद्घाटन में बोल रहे थे जिसमें लगभग 300 विद्वान कार्यकर्ता और नीति निर्माताओं डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों पर चर्चा कर रहें थे।
कार्यक्रम में मार्टिन लूथर किंग ने भारत और अमेरिका के बीच एक समानांतर लाइन खींची। उन्होंने कहा, दोनों ही देश में ऐसे लोग शासन कर रहे हैं जो गरीबों के लिए ‘थोड़ा ही आदर’ रखते हैं और जहां कानून के शासन के लिए कोई भी आदर नहीं है, दोनों ही देशों में हेट क्राइम (नफरती अपराध) में वृद्धि हो रही है। साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, समाधान खोजने के लिए हमें दुनिया के सर्वोत्तम मस्तिष्क को एक साथ लाने का एक रास्ता खोजना होगा।
डॉ भीमराव अंबेडकर और उनके पिता के बीच के समानता के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि डॉ अंबेडकर भारत के बाहर अच्छी तरह से अपने विचारों को नहीं रख पाएं। वहीं नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश समिति ने कहा कि यह सिर्फ डॉ अम्बेडकर को समय-समय पर याद करने के लिए कांफी नहीं है।
साथ ही समिति ने कहा कि यह डॉ अम्बेडकर की निरंतर शक्ति के लिए एक महान वसीयतनामा है कि भारत के राष्ट्रपति चुनाव दो दलितों, रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार के बीच एक प्रतियोगिता थी।
डॉ अंबेडकर के पोते प्रकाश अम्बेडकर ने केंद्र में वर्तमान अनुदान पर कहा, कि अम्बेडकर को पुनः प्राप्त करने की आवश्यकता है क्योंकि पिछले तीन सालों से सामाजिक न्याय के सामने कुछ जमीन खो गई है। डॉ अम्बेडकर ने चेतावनी दी थी कि हर क्रांति में एक प्रति क्रांति होगी, और हम देख रहे हैं कि क्रांतिकारी बदलाव आना चाहिए।
गौरतलब है कि, राम नाथ कोविंद की राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत के बाद कांग्रेस ने दलित आइकन डॉ भीमराव अंबेडकर पर तीन दिन का कॉन्फ्रेंस आयोजित किया। कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में आयोजित इस कार्यक्रम में मानवाधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक सुधारक मार्टिन लूथर किंग 3 भी शामिल हुए।