‘जो पत्रकार और मीडिया घराना सरकार का बाजा नहीं बजाएगा, सरकारी भोंपू नही बनेगा उसपर केस होते रहेंगे’

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एक बैंक से कथित धोखाधड़ी के आरोप में सोमवार(5 जून) को वरिष्ठ पत्रकार और न्यूज चैनल NDTV के सह-संस्थापक और कार्यकारी सह-अध्यक्ष प्रणय रॉय के आवास और कार्यालयों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छापेमारी की। न्यूज चैनल ने इस कदम को स्वतंत्र आवाज को दबाने की कार्रवाई करार दिया है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी मंगलवार(6 जून) को मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।

Photo: HT

लालू ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। प्रणय रॉय के आवास पर हुई छापेमारी को आपातकाल बताते हुए लालू ने ट्वीट किया, जो नेता, पत्रकार और मीडिया घराना उनके नाम का बाजा नहीं बजाएगा, सरकारी भोंपू नही बनेगा उसपर ये केस, मुक़दमें और छापे डलवाएँगे। यही आपातकाल है।

उन्होंने अगले ट्वीट लिखा, ‘दिल्ली की हुकूमत मीडिया को भाट-चारण परंपरा में ले जा रही है जो विरोध करे उन्हे एजेंसी के माध्यम से दबा दो। एकजुट होकर साथ आएं और मुल्क बचाये।’

लालू ने NDTV को टैग करते हुए एक और ट्वीट में लिखा, ‘सच को दबाने और असहमति की हर आवाज़ को कुचलने की हर कोशिश को बेनकाब करने में सदैव साथ थे, है और रहेंगे।’

क्या है पूरा मामला

दरअसल, सीबीआई ने सोमवार को एक बैंक से धोखाधड़ी के आरोप में एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के घर और कार्यालयों पर छापेमारी की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ पत्रकार प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय पर फंड डायवर्जन तथा बैंक से धोखाधड़ी का आरोप है।

जांच एजेंसी ने आईसीआईसीआई बैंक को नुकसान पहुंचाने के आरोप में प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका रॉय और एक निजी कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। वर्ष 2008 में बैंक ने रॉय के अपने शेयरों को गिरवी रखने की गारंटी पर प्राइवेट होल्डिंग्स कंपनी को 366 करोड़ का कर्ज दिया था।

एक साल के अंदर बैंक ने कर्ज खाता बंद कर दिया। आरोप है कि इससे बैंक को 48 करोड़ का नुकसान हुआ। पिछले हफ्ते इस मामले की जांच शुरू करने वाली सीबीआई ने बताया कि रॉय ने यह रकम आरआरपीआर के बैंक खाते से निकाल ली। सीबीआई ने बताया कि इसी मामले को लेकर सोमवार को प्रणय रॉय के दिल्ली के दो, उत्तराखंड में देहरादून के एक और मसूरी के एक परिसर पर छापेमारी की गई।

जांच एजेंसी ने अपनी एफआईआर में कहा है कि एनडीटीवी और आईसीआईसीआई ने बैंकिंग नियमों और सेबी अधिनियम का उल्लंघन कर न्यूज कंपनी एनडीटीवी का मालिकाना हक एक मुखौटा कंपनी को हस्तांतरित करने की आपराधिक साजिश रची।

बता दें कि इससे पहले बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में एनडीटीवी के खिलाफ 2,030 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया था। ईडी का ये नोटिस प्रणय रॉय, राधिका रॉय और सीनियर एग्जीक्यूटिंव केवीएल नारायण राव के खिलाफ जारी किया गया था।

NDTV ने लगाया बदले की कार्रवाई का आरोप

CBI की इस छापेमारी को NDTV ने बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया है। NDTV ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर कहा कि ‘आज सुबह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पुराने और अंतहीन झूठे आरोपों के आधार पर एनडीटीवी एवं उसके प्रमोटरों के संगठित उत्पीड़न को और अधिक बढ़ा दिया।’

बयान में कहा गया कि एनडीटीवी और उसके प्रमोटर विभिन्न एजेंसियों की ओर से की जा रही इस बदले की कार्रवाई के खिलाफ लगातार लड़ते रहेंगे। इसमें कहा गया, ‘हम भारत में लोकतंत्र और बोलने की स्वतंत्रता को बुरी तरह से कमजोर कर देने के इन प्रयासों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे।’

भारत के संस्थानों और भारत जिन चीजों के लिए खड़ा है, उन्हें बर्बाद करने की कोशिश करने वालों के लिए हम एक संदेश देना चाहते हैं कि हम अपने देश के लिए लड़ेंगे और इन ताकतों पर जीत हासिल करेंगे।’

 

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