सिक्किम में नाथू ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा रद्द कर दी गई है। एक अधिकारी ने गुरुवार(30 जून) को बताया कि यह निर्णय चीन-भारत सीमा से लगे विवादित इलाके को लेकर भारतीय और चीनी जवानों के बीच ताना-तानी की पृष्ठभूमि में सामने आया है।यह फैसला नाथूला मार्ग के जरिए एक कठिन यात्रा के बाद भगवान शिव के निवास स्थान माने जाने वाले पर्वतीय क्षेत्र की यात्रा करने की लालसा रखने वाले 400 श्रद्धालुओं के लिए निराशा के रूप में सामने आया है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस साल सिक्किम में नाथूला के जरिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा नहीं होगी, लेकिन उत्तराखंड में लिपूलेख र्दे के रास्ते तीर्थयात्रा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी।
बता दें कि सिक्किम सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच जारी तनातनी की घटना के बाद चीन ने गुरुवार(29 जून) को भारत से सीमा विवाद पर बातचीत रोकने की धमकी तक दे डाली। साथ ही चीन ने कहा कि भारतीय सेना को 1962 की लड़ाई से ‘ऐतिहासिक सबक’ लेना चाहिए।
इस धमकी पर ‘आजतक’ के एक कार्यक्रम में शुक्रवार(30 जून) को रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने चीन को करारा जवाब दिया है। जेटली ने कहा कि वर्ष 1962 के हालात और अब के हालात में बहुत फर्क है। साथ ही उन्होंने चीन के उस दावे को सिरे से खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सैनिकों ने उसकी सीमा में प्रवेश किया था।
जेटली ने कहा कि भूटान ने बयान दिया है कि जहां चीन सड़क का निर्माण कर रहा है, वह जमीन भूटान की है और भूटान और भारत के बीच सुरक्षा संबंध हैं। इसलिए हमारी सेना वहां पर हैं। साथ ही चीन की तरफ से 1962 की याद दिलाने पर जेटली ने कहा कि 1962 के हालात अलग थे, और आज के हालात अलग हैं। हमें इस बात को समझना होगा।