जम्मू-कश्मीर में युवा अधिकारी मेजर लीतुल गोगोई द्वारा एक कश्मीरी व्यक्ति का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में किए जाने के बाद उन्हें सम्मानित करने को लेकर एक मानवाधिकार संगठन ने आचोलना की है। संगठन ने कहा कि इस तरह के कानून विरोधी कदम का समर्थन करना सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों को भविष्य में भी इस तरह के कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा।ह्यूमैन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने शुक्रवार(1 जून) को एक बयान में कहा कि भारतीय सेना द्वारा एक अधिकारी को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन समेत ऐसे कदमों के लिए ईनाम देना सेना की जवाबदेही और उसके कद को कमतर करता हैं।
एचआरडब्ल्यू की दक्षिण एशिया की निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने कहा कि कश्मीर में सैनिकों का काम मुश्किल है और उन्हें लोगों की जिंदगी बचाने के लिए पुरस्कृत करना चाहिए, लेकिन जानबूझकर दूसरों की जान दांव पर लगाकर और उनके अधिकारों का उल्लंघन करके नहीं।
गांगुली ने कहा कि कानून विरोधी कदम के लिए वरिष्ठ सैन्य और सरकारी अधिकारियों द्वारा समर्थन किया जाना सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों को भविष्य में ऐसे ही गैरकानूनी कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है। उन्होंने कहा कि आक्रोश व्यक्त करने वाली क्रूरतापूर्ण कार्रवाई की वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा खुले तौर पर प्रशंसा करना इस भरोसे को कम करता है कि सरकार गंभीर उल्लंघनों के लिए सुरक्षाबल की जवाबदेही तय करने के लिए गंभीर है।
बता दें कि संगठन ने मेजर गोगोई का हवाला है जिन्होंने जम्मू कश्मीर में उग्र भीड़ से सुरक्षाकर्मियों और चुनाव कर्मियों को बचाने के लिए वहां से गुजर रहे कश्मीरी युवक फारूक अहमद डार को गैर कानूनी तरीके से मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था और बाद में भारतीय सेना द्वारा उन्हें इस काम के लिए ‘प्रशस्ति पत्र’ से सम्मानित किया गया था।
वहीं, भारतीय सेना ने भी गोगोई के इस कदम का बचाव किया है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में गोगोई द्वारा कश्मीरी व्यक्ति डार का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में किए जाने का पुरजोर बचाव करते हुए 28 मई को कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ‘घृणित युद्ध’ का सामना कर रही है, जिसे ‘नए’ तरीके से लड़ने की जरूरत है।
‘पीटीआई’ के साथ विशेष साक्षात्कार में रावत ने कहा कि मेजर लीतुल गोगोई को सम्मानित करने का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा बल के युवा अधिकारियों का मनोबल बढ़ाना था जो आतंकवाद प्रभावित राज्य में बहुत मुश्किल परिस्थितियों में काम करते हैं। गोगोई के खिलाफ इस मामले में कोर्ट आफ इंक्वारी जारी है।