बिजनौर रेप कांड में चश्मदीद उमेश कुमार ने अपने मोबाइल से तस्वीरें उतारी थी जो बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं। आज उमेश कुमार का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उसने बताया कि किस तरह से रेलवे के सिपाही कमल शुक्ला ने उस महिला के साथ जबरदस्ती की थी। जबकि देश के राष्ट्रीय मीडिया से यह खबर गायब है बल्कि कई जगह यह खबर भी चली कि महिला ने अपना बयान पलट दिया कि उसके साथ रेप नहीं हुआ है।
घटना के चश्मदीद उमेश कुमार का वीडियो आने से के बाद स्पष्ट हो जाता है कि उस समय क्या हुआ था। उमेश ने बताया कि जिस समय उस सिपाही पीटकर पब्लिक थाने ले जा रही थी पुलिस ने उल्टे उन लोगों को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया।
आपको बता दे कि मंगलवार को लखनऊ-चंडीगढ़ एक्सप्रेस में चलती ट्रेन के विकलांग कोच में रेलवे के सिपाही कमल शुक्ला ने एक बीमार मुस्लिम महिला से बलात्कार किया था। जनता का रिपोर्टर ने स्थानीय प्रशासन से घटना पर बात करते हुए सबसे पहले खबर प्रकाशित की थी। सिपाही की गिरफ्तारी के बाद खबर का संज्ञान आने पर कमल शुक्ला को निलंबित कर दिया गया था।
लेकिन बाद में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें बलात्कार का अरोपी सिपाही कमल शुक्ला को थाने में वीआईपी सुविधा दी जा रही है। वह आराम से सम्मान के साथ पंखें में बैठा हुआ मेज-कुर्सी पर खाना खा रहा है। जब पत्रकार ने सवाल किया कि बलात्कार के आरोपी को यह सुविधा क्यों दी जा रही है तो जवाब मिला कि मानवीय आधार पर ये बर्ताव किया जा रहा है और अभी आरोप साबित नहीं हुआ है।