मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर तमिल पत्रिका में मशहूर अभिनेता और दक्षिण भारत के सुपरस्टार कमल हासन की हिंदू आतंकवाद पर कथित टिप्पणी के खिलाफ पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, सुनवाई के लिए आज याचिका आने पर न्यायमूर्ति एम एस रमेश ने लोक अभियोजक को संबंधित पुलिस प्रशासन से निर्देश लेने का आदेश दिया और याचिका पर सुनवाई एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दी। हाई कोर्ट में पंजीकृत वकील क्लर्क याचिकाकर्ता जी देवराजन के मुताबिक कमल हासन ने एक तमिल पत्रिका में प्रकाशित आलेख में कहा है कि देश में हिंदू आतंकवाद की मौजूदगी से इंकार नहीं किया जा सकता।
याचिकाकर्ता ने कहा है, इस तरह के बयान देकर कमल हासन हिंदुओं को आतंकवादी ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें समझाना चाहिए कि कोई भी धर्म हिंसा नहीं शांति का पाठ देता है। निहित हितों के लिये अभिनेता धर्म के आधार पर तमिल समुदाय को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने अभिनेता के खिलाफ अपनी शिकायत के साथ 4 नवंबर को चेन्नई पुलिस आयुक्त से और 6 नवंबर को तेनामपेट पुलिस से संपर्क किया। शिकायत पर तब से कार्रवाई नहीं होने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया।
बता दें कि, तमिल मैगजीन ‘आनंदा विकटन’ में लिखे अपने लेख में हासन ने लिखा था कि राइट विंग ने अब बल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। कमल हासने अपने लेख में आरोप लगाया कि राइट विंग (दक्षिणपंथी संगठन) हिंसा में शामिल है और हिंदू कैंपों में आतंकवाद घुस चुका है।
उन्होंने लेख में आगे लिखा है कि कोई नहीं कह सकता कि ‘हिंदू आतंकवाद’ का वजूद नहीं है। उन्होंने लिखा कि हिंदू कट्टरपंथी पहले बातचीत में यकीन रखते थे, लेकिन अब हिंसा में शामिल हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि लोगों की ‘सत्यमेव जयते’ में आस्था खत्म हो चुकी है।
कमल हासन ने कहा था कि, ‘हिंदू आतंकवाद की बात कहने वाले लोगों को दक्षिणपंथी चैंलेज नहीं कर सकते हैं, क्योंकि आतंक हिंदू कैंप में भी पहुंच गया है।’ इस लेख का शीर्षक है ‘कोई नहीं कह सकता है कि हिंदू आतंक नहीं है।’