उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसाः BJP नेता कपिल मिश्रा के भाषण देते समय वीडियो में दिखे दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने मांगा राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कपिल मिश्रा ने बीते साल संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन पर विवादास्पद भाषण दिया था, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। भाजपा नेता कपिल मिश्रा के वायरल वीडियो में एक पुलिस अधिकारी को भी उनके साथ खड़ा देखा गया था। बताया गया था कि वे पूर्वोत्तर दिल्ली के डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या थे। अब उन्हीं वेद प्रकाश सूर्या ने इस साल ‘वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक’ के लिए अपना नाम भेजा है। बता दें कि, पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे भड़कने से एक दिन पहले पिछले साल 23 फरवरी को सीएए के समर्थक में एक रैली निकाली गई थी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वोत्तर दिल्ली के पूर्व डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या ने यह कहते हुए पुरस्कार मांगा है कि उन्होंने दंगों के दौरान सैकड़ों लोगों की जान बचाने के साथ-साथ संपत्तियों को भी नुकसान होने से बचाया और “असाधारण” काम किया। इतना ही नहीं सूर्या के साथ 25 अन्य पुलिसकर्मियों ने भी राष्ट्रपति पुलिस मेडल के लिए अपने नाम हेडक्वार्टर भेजे हैं। इनमें सूर्या के जेसीपी आलोक कुमार और उनके कई मातहत भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर ने दंगे रोकने के लिए अपनी भूमिका का ही जिक्र किया है।

बता दें कि, वीरता के लिए दिए जाने वाले राष्ट्रपति पुलिस मेडल को किसी की जान या संपत्ति को नुकसान से बचाने और अपराध को रोकने और अपराधियों को पकड़ने के लिए दिया जाता है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, अलग-अलग जिलों से पुलिस हेडक्वार्टर में नामों के प्रस्ताव भेजे जाते हैं। यहां एक वरिष्ठ पुलिस अफसरों की कमेटी इन नामों पर विचार करती है और आखिर में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर नामों पर मुहर लगाते हैं। इसके बाद फाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजी जाती है।

सूत्रों का कहना है कि सूर्या ने कुछ दिन पहले ही इस अवॉर्ड के लिए आवेदन दिया था। उनके साथ 24 अन्य पुलिस अफसरों के आवेदन भी हेडक्वार्टर भेज दिए गए हैं। एक सूत्र ने बताया कि 23 पुलिसकर्मियों ने तो अपने लिए असाधारण कार्य पुरस्कार की मांग की है और 14 ने आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन मांगा है।

सूत्रों ने बताया कि सूर्या ने अपने आवेदन में तीन से चार दिन के अंदर दंगों को नियंत्रित करने का दावा किया है। उन्होंने सैकड़ों लोगों की जान बचाने की बहादुरी के बारे में भी बताया और कहा कि पत्थरबाजी के बावजूद वे लोगों की मदद से पीछे नहीं हटे।

कपिल मिश्रा ने 23 फरवरी 2020 को मौजपुर ट्रैफिक सिग्नल के पास सीएए समर्थक सभा में भाषण का एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें पूर्वोत्तर दिल्ली के तत्कालीन डीसीपी सूर्या को उनके बगल में खड़े देखा जा सकता है। भाषण में भाजपा नेता ने कहा था, “डीसीपी साहब हमारे सामने खड़े हैं। मैं आप सबकी तरफ से यह बात कह सकता हूं। अमेरिकी राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं। लेकिन, उसके बाद हम आपकी (पुलिस) भी नहीं सुनेंगे। अगर रास्ते (सीएए प्रदर्शनकारियों द्वारा) खाली नहीं हुए तो। ट्रंप के जाने तक आप (पुलिस) जाफराबाद और चांद बाग खाली करवा लीजिए ऐसी आपसी विनती करते हैं। इसके बाद हमें रोड पर आना पड़ेगा।”

इसी साल 24 फरवरी को सूर्या का तबादला पूर्वोत्तर जिले से राष्ट्रपति भवन में डीसीपी के रूप में किया गया था। इंडियन एक्सप्रेस द्वारा संपर्क करने पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

गौरतलब है कि, 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्व दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसने सांप्रदायिक टकराव का रूप ले लिया था। हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी तथा करीब 200 लोग घायल हो गए थे।

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