BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी बोले- यदि चीन भारतीय क्षेत्र को खाली नहीं करता तो भारत को युद्ध करना चाहिए

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अपनी टिप्‍पणियों को लेकर अक्‍सर सुखिर्यों में रहने वाले केन्द्र में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने शनिवार को कहा कि यदि चीन भारतीय क्षेत्र को खाली नहीं करता है और 1993 के समझौते के तहत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर वापस नहीं जाता है, तो भारत को उससे युद्ध करना चाहिए। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि भारत को चीन के साथ केवल सीमा विवाद को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए और हांगकांग, ताइवान व तिब्बत के बारे में बात करके पड़ोसी देश को ‘उकसाना’ नहीं चाहिए।

सुब्रमण्यम स्वामी

सुब्रमण्यम स्वामी गौरी द्विवेदी द्वारा लिखित ”ब्लिंकर्स ऑफ, हाउ विल द वर्ल्ड काउंटर चाइना” नामक पुस्तक के विमोचन के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, ”चीन भारत के लिए एक असाधारण रूप से महत्वपूर्ण और खतरनाक चुनौती है… इसलिए, भारत को अपनी रणनीति इस तरह से तैयार करनी चाहिए कि वह खतरे का सामना करते हुए अंत में चीन को उसकी जगह पहुंचा दे।” स्वामी ने कहा कि चीन के पास प्रधानमंत्री के साथ विस्तारित बैठकें करते हुए भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने का “दुस्साहस” है।

उन्होंने कहा, ”मेरा विचार है कि भारत को चीनियों से कहना चाहिए कि यदि आप 1993 की मूल स्थिति में वापस नहीं जाना चाहते तो हम आपके साथ युद्ध करेंगे। हमें तब तक चीनियों के साथ युद्ध की आवश्यकता है जब तक कि वे स्वेच्छा से पीछे हटने के लिए सहमत न हों। चीन को यह सबक सिखाएं कि हम अब 1962 का भारत नहीं रहे।”

उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को चीन के साथ केवल अपने भूमि विवाद पर ध्यान देना चाहिए। अन्य मुद्दों के बारे में बात करने से स्थिति और बिगड़ेगी। उन्होंने कहा, ‘हांगकांग, ताइवान और तिब्बत के बारे में बात न करें। आप जो कर रहे हैं वह स्थिति को बिगाड़ रहा है। ध्यान दें कि चीन ने कहां गलती की है। उन्होंने एलएसी को पार कर हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है।’

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि चीन से गैर-पारंपरिक खतरों जैसे साइबर सुरक्षा और आर्थिक खतरों से संबंधित खतरों को देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “भारत में, हम इस (चीन-भारत) संबंधों के सैन्य पहलुओं के बारे में बात करना पसंद करते हैं। क्या निकट भविष्य में चीन के साथ युद्ध की एक अलग संभावना है? मेरे विचार से, नहीं।”

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