हमेशा अपने विवादित बयानों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाली मालेगांव बम विस्फोट मामले में लंबे समय तक कानूनी प्रक्रिया का सामना कर चुकीं इस मामले में अभियुक्त और मध्य प्रदेश के भोपाल लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर से मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया है। अपने इन बयानों को लेकर प्रज्ञा ठाकुर अब सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गई है, लोग उन्हें ट्रोल करते हुए जमकर खरी-खोटी सुना रहे है।
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि सच्चे देशभक्त महाराष्ट्र के आईपीएस अधिकारी करकरे को देशभक्त नहीं कहते हैं। भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच करने वाले महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे ने पूछताछ के दौरान उनके शिक्षक को प्रताड़ित किया था। बता दें कि, प्रज्ञा मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं। हेमंत करकरे वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे।
प्रज्ञा ने यह भी कहा, ‘भारत में आपातकाल पहली बार 1975 में लागू किया गया था। 2008 के मालेगांव केस में जब मुझे गिरफ्तार किया गया तब ऐसी ही स्थिति थी।’ मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी प्रज्ञा ने कहा, ‘हेमंत करकरे कुछ लोगों के लिए देशभक्त हो सकते हैं लेकिन असली देशभक्त अलग सोचते हैं। उसने (करकरे) मेरे बारे में जानकारी हासिल करने के लिए मेरे आचार्य-शिक्षक (स्कूल टीचर) की अंगुलियों और पसलियों को तोड़ा। मुझे झूठे केस में फंसा गया। उन्होंने कहा कि सच्चे देशभक्त महाराष्ट्र के आईपीएस अधिकारी करकरे को देशभक्त नहीं कहते हैं।
#WATCH | BJP MP Pragya Thakur says, "An Emergency was imposed in 1975 & an Emergency-like situation had formed in 2008 when Sadhvi Pragya Singh Thakur was jailed in Malegaon blast case…People call Hemant Karkare a patriot, but those who are real patriots don't call him one…" pic.twitter.com/UgplzFd1d7
— ANI (@ANI) June 25, 2021
बता दें कि, इससे पहले साल 2019 में भी भाजपा सांसद ने अपने एक बयान में कहा था कि करकरे ने हिरासत में उनके साथ बुरा व्यवहार किया था इसके लिए उन्होंने उन्हें श्राप दिया था, इसलिए करकरे की मृत्यु हो गई। इस बयान के कारण उन्हें और उनकी पार्टी को तीखी आलोचना का शिकार होना पड़ा था। बहरहाल, प्रज्ञा के रुख में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने फिर कहा कि वे हेमंत करकरे को देशभक्त नहीं मानतीं।