दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि बाहरी दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में एक 25 वर्षीय शख्स की हत्या व्यावसायिक रंजिश के कारण हुई थी और इसके लिए किसी भी सांप्रदायिक पहलू को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
बुधवार देर रात जन्मदिन की एक पार्टी में बहस के बाद रिंकू शर्मा की कथित रूप से उसके और उसके एक जानकार व्यक्ति और इस शख्स के तीन दोस्तों द्वारा चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस द्वारा स्पष्टीकरण तब आया है जब कुछ संगठनों ने हत्या को सांप्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया और ट्विटर पर ‘हैशटैग जस्टिस फॉर रिंकू शर्मा’ ट्रेंड करने लगा। मामले में शामिल होने के चार आरोपियों- दानिश, इस्लाम, जाहिद और मेहताब को गिरफ्तार किया गया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, बाहरी दिल्ली के डीसीपी ए. कोन ने कहा कि, “अब तक, जांच के दौरान, यह सामने आया है कि झगड़ा जन्मदिन की पार्टी के दौरान एक रेस्तरां को बंद करने को लेकर शुरू हुआ था। सभी व्यक्ति एक-दूसरे को जानते थे और एक ही इलाके में रहते थे। इस घटना के पीछे कोई और मकसद होने की बात गलत है।”
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार का कहना है की रिंकू की हत्या इसलिए कि गई की वो इलाके में जय श्री राम के नारे लगाता था। 5 अगस्त 2020 को रिंकू ने ‘राम मन्दिर’ बनने की खुशी में इलाके में श्री राम रैली निकाली थी, तब भी आरोपी पक्ष के लोगों ने एतराज जताया था। परिवार का आरोप है कि तब से ही आरोपियों ने रिंकू शर्मा को टारगेट पर ले लिया था।