‘स्वच्छ भारत’ अभियान के तीन साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग, खेल, सिनेमा समेत विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों को खत लिखकर ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के लिए उनका समर्थन मांगा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सबसे अच्छी सेवा है। पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को साफ-सफाई को बढ़ावा देने के लिये ‘स्वच्छ भारत अभियान’ शुरू करते हुए खुद हाथों में झाड़ू थामी थी।
file Photo: Press Information Bureauउन्होंने प्रमुख हस्तियों, प्रमुख उद्योगपतियों, खिलाड़ियों, फिल्म कलाकारों, धर्म गुरुओं और अन्य प्रसिद्ध तथा प्रमुख लोगों को व्यक्तिगत खत लिखकर उनसे समर्थन मांगा है। भाषा कि ख़बर के मुताबिक, अपने संक्षिप्त खत में विषय का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे महात्मा गांधी के दिल के बेहद करीब बताते हुए मोदी ने कहा कि बापू मानते थे कि स्वच्छता का पालन हम सभी को करना चाहिए।
उन्होंने अपने खत में लिखा कि सीमाओं और पीढ़ियों के बंधनों से इतर महात्मा गांधी ने करोड़ों लोगों को प्रेरित करते हुए यह भी साफ किया कि स्वच्छता के प्रति हमारा रुख समाज के प्रति हमारा रवैया भी दर्शाता है। बापू मानते थे कि स्वच्छता को सामुदायिक सहभागिता के जरिए हासिल किया जा सकता है। पत्र को पीटीआई ने भी देखा है।
इन हस्तियों से स्वच्छता के लिए शपथ लेने की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती आ रही है, हम समूचे भारत में स्वच्छता पहल के लिए व्यापक समर्थन और भागीदारी के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। उन्होंने लिखा, आइए यह सुनिश्चित करें कि आने वाले दिन ‘स्वच्छता ही सेवा’ के मंत्र के साथ आत्मसात करने के होंगे। स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य भारत को एक स्वच्छ जगह बनाना है।
मोदी ने लिखा, मैं व्यक्तिगत रूप से ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान और स्वच्छ भारत के लिए कुछ समय सर्मिपत करने के उद्देश्य से आपको समर्थन देने के लिए आमंत्रित करता हूं। उन्होंने कहा कि उनकी सहभागिता दूसरों को भी इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगी।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए साथ आना बापू को उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी और नए भारत के निर्माण की तरफ भी योगदान होगा। उन्होंने ‘‘जय हिंद!’’ के साथ अपना खत समाप्त करने से पहले लिखा, ‘‘एक स्वच्छ भारत गरीबों, पिछड़ों और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए सबसे अच्छी सेवा है। आसपास की गंदगी समाज के कमजोर वर्ग को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।’’