भारत भले ही हेल्थ टूरिज्म का सेंटर बनता जा रहा हो और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही हो। लेकिन सच यही है कि हमारे यहां स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमीं है, साथ ही देश के अस्पतालों की व्यवस्था दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। भारत के अलग-अगल राज्यों से हर रोज कोई न कोई ऐसी तस्वीर सामने आ ही जाती है, जिसे देखकर हमें शर्मसार होना पड़ता है। जिसका ताजा मामला झारखंड के गुमला से सामने आया है।
फोटो- ANIजहां पर एक विधवा के तीन साल के बच्चे की मौत इसलिए हो गई क्योंकि बीमार बच्चे के लिए अस्पताल ने एंबुलेंस देने से इंकार कर दिया। 50 किमी दूर गांव के लिए मां बीमार बच्चे को गोद में लेकर लौटने लगी लेकिन 10 किमी चलने के बाद उसके बच्चे ने गोद में ही दम तोड़ दिया।
गुमला पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि टोटो के पास सड़क के किनारे कुछ लोगों ने बच्चे को हाथ में लिए महिला को बैठा देखा। थोड़ी ही देर में वहां लोगों की भीड़ लग गई और उन्होंने महिला की मदद कर उसे घर भेजा।
Gumla (Jharkhand): 3-year old died in his mother's lap while being taken home 40 kms away on foot after hospital allegedly refused ambulance pic.twitter.com/M4lQpzPwya
— ANI (@ANI) August 19, 2017
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बरतने से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्चे के इलाज की पूरी व्यवस्था की गयी थी। पांच दिन से बच्चे का इलाज चल रहा था, शुक्रवार को उसकी मां बीमार बच्चे को चुपचाप लेकर अस्पताल से चली गयी।
वहीं दूसरी और महिला का कहना है कि उसने अस्पताल से एंबुलेंस की व्यवस्था करने को कहा ताकि वो अपने बच्चे को घर तक लेकर जा सके। उसने बताया कि वो गरीब विधवा है और उसके पास इतने पैसे नहीं कि वो अपने खर्च से बच्चे को घर तक लेकर जा सके।
महिला के अनुसार जब अस्पताल ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया तो वो बच्चे को लेकर अस्पताल से 50 किमी दूर अपने गांव लौटने लगी। वो गुमला सदर अस्पताल से 10 किमी दूर टोटो पहुंची कि मां की गोद में ही बीमार बेटे ने दम तोड़ दिया। एक बार फिर से बच्चे की मौत ने सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़ा कर दिया है।