राष्ट्रपति चुनाव: PM मोदी की मौजूदगी में रामनाथ कोविंद ने दाखिल किया नामांकन

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राष्ट्रपति चुनाव में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीए) की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार(23 जून) को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। 17 जुलाई को मतदान होगा।बता दें कि सोमवार(19 जून) को भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने सबको चौंकाते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए NDA का उम्मीदवार बनाने का एलान कर दिया।

कौन हैं कोविंद?

अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शुरू से ही अनुसूचित जातियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों तथा महिलाओं की लड़ाई लड़ने वाले कोविंद इस समय बिहार के राज्यपाल थे। बीजेपी दलित मोर्चा तथा अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष रह चुके कोविंद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं। कोविंद बेहद कामयाब वकील भी रहे हैं।

उन्होंने वर्ष 1977 से 1979 तक दिल्ली हाईकोर्ट में, जबकि 1980 से 1993 तक सुप्रीम कोर्ट में वकालत की। सामाजिक जीवन में सक्रियता के मद्देनजर वह अप्रैल, 1994 में राज्यसभा के लिए चुने गए और लगातार दो बार मार्च 2006 तक उच्च सदन के सदस्य रहे।

कोविंद अगर राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वह उत्तर प्रदेश से पहले राष्ट्रपति होंगे। कानपुर देहात के घाटमपुर स्थित परौंख गांव में 1 अक्टूबर, 1945 को जन्मे कोविंद राज्यसभा सदस्य के रूप में अनेक संसदीय समितियों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

खासकर अनुसचित जाति-जनजाति कल्याण संबंधी समिति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा कानून एवं न्याय संबंधी संसदीय समितियों में वह सदस्य रहे। कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है और अक्टूबर, 2002 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था।

 विपक्ष ने पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को बनाया उम्मीदवार
बता दें कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के खिलाफ विपक्ष ने पूर्व लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार को अपना उम्‍मीदवार बनाया है। संसद भवन में गुरुवार(22 जून) को 17 विपक्षी दलों की बैठक में यह फैसला लिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बैठक में मीरा कुमार के नाम की घोषणा की।
इस बैठक में वाम मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) तथा नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) सहित 17 राजनीतिक पार्टियों ने हिस्सा लिया। सोनिया गांधी ने कहा कि हमने मीरा कुमार को राष्ट्रपति चुनाव में उतारने का फैसला किया है। हमें उम्मीद है कि अन्य दल भी हमारे साथ आएंगे।
कौन हैं मीरा कुमार?

विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार राजनयिक से राजनेता बनीं और कांग्रेस का दलित चेहरा रहीं। पूर्व उप प्रधानमंत्री दिवंगत जगजीवन राम की बेटी 72 वर्षीय मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला भी रहीं। वह यूपीए-2 के शासनकाल में 2009 से 2014 तक स्पीकर रहीं।

स्वभाव से मृदुभाषी मीरा ने भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) को छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया और 1985 में लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। वह सबसे पहली बार 1985 में बिजनौर से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुईं।
दूसरी और तीसरी बार वह दिल्ली के करोल बाग से 1996 और 1998 में लोकसभा पहुंचीं, लेकिन 1999 के चुनाव में वह यह सीट हार गयीं।

मीरा कुमार 2004 में बिहार के सासाराम से अपने पिता के क्षेत्र से बड़े अंतर से लोकसभा चुनाव जीतीं और 2009 में भी इसी संसदीय क्षेत्र से सदन में पहुंचीं। इस बीच उन्होंने साल 2000 में पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी। 2002 में वह फिर से कांग्रेस में लौट आईं।

बिहार के आरा जिले में 31 मार्च, 1945 को जन्मीं मीरा कुमार ने दिल्ली विविद्यालय के इंद्रप्रस्थ कॉलेज और मिरांडा कॉलेज से पढ़ाई की। उन्होंने राइफल शूटिंग में भी पदक प्राप्त किये हैं। एलएलबी की डिग्री के साथ वह 1980 में सुप्रीम कोर्ट बार संघ की सदस्य भी बनीं। उनके पति मंजुल कुमार सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं। उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं।

दलित बनाम दलित

बता दें कि मीरा कुमार और रामनाथ कोविंद में दलित होने के अलावा भी कई मामलों में समानता है। दोनों का जन्म 1945 में ही हुआ। मीरा कुमार भी वकील रह चुकी हैं और कोविंद भी हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर चुके हैं। विपक्ष की साझा उम्मीदवार मीरा कुमार भी दलित हैं। एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद भी दलित समुदाय से आते हैं। इससे साफ हो गया कि राष्ट्रपति चुनाव में मुकाबला दलित बनाम दलित ही होगा।

 

 

 

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