राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(NDA) की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के मुकाबले विपक्ष का उम्मीदवार कौन होगा, इसका फैसला तो अभी 22 जून को होगा। हालांकि, इससे पहले ही विपक्ष में फूट पड़ गई है। दरअसल, विपक्ष को झटका देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामनाथ कोविंद के समर्थन का एलान कर दिया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बाबत राजधानी पटना में बुधवार(21 जून) को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायकों, मंत्रियों और पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ अहम बैठक की, जिसमें सर्वसम्मति से कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया गया। इस फैसले के बारे में जेडीयू विधायक रत्नेश सदा ने पत्रकारों को जानकारी दी।
हालांकि, इससे पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार विपक्ष के फैसले के साथ जा सकते है, लेकिन ये अनुमान पूरी तरह अफवाह साबित हो गया है। बता दें कि राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद कोविंद ने मंगलवार(20 जून) को बिहार के राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया था।
बता दें कि इससे पहले शिवसेना ने भी मंगलवार(20 जून) को एलान किया कि उनकी पार्टी रामनाथ कोविंद का समर्थन करेगी। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें फोन कर रामनाथ जी के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद हमारी पार्टी ने सर्वसम्मति से रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि NDA की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का सोमवार (19 जून) को एलान कर दिया गया। राष्ट्रपति चुनाव से पहले सोमवार को भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने सबको चौंकाते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए राजग का उम्मीदवार बनाने का एलान कर दिया।
दलित-शोषित समाज की आवाज बुलंद करके बीजेपी में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाले रामनाथ कोविंद को बीजेपी-नीत एनडीए ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर एक ‘मास्टर स्ट्रोक’ खेला है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्यादातर विपक्षी दल देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर किसी दलित को बैठाने का विरोध नहीं करना चाहेंगे।
अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शुरू से ही अनुसूचित जातियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों तथा महिलाओं की लड़ाई लड़ने वाले कोविंद इस समय बिहार के राज्यपाल हैं। बीेजपी द्वारा साफ-सुथरी छवि और दलित बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना एक तरह से ‘मास्टर स्ट्रोक’ है।