गोरखपुर हादसे को शिवसेना ने बताया ‘सामूहिक बालहत्या’, PM मोदी पर भी साधा निशाना

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्षेत्र गोरखपुर की बदहाल व्यवस्था को दर्शाने वाली घटना के सामने आने के बाद देश भर में हड़कंप मच गया है। बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 48 घंटे के दौरान 33 और पिछले छह दिनों में 64 से अधिक मासूमों की मौत ने सबको झकझोर दिया है।

 

इस बीच आलोचना का सामना कर रहे सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा रविवार(13 अगस्त) को अस्पताल का निरीक्षण किया और अधिकारियों से रिपोर्ट ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना में दोषियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी कि मिसाल बनेगी।

इसी बीच शिवसेना ने योगी सरकार का तीखा विरोध करते हुए इस हादसे को ‘सामूहिक बालहत्या’ करार दिया है।शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए उद्धव ठाकरे ने यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा है, ‘’सिद्धार्थनाथ सिंह का बयान बेहद शर्मनाक और बेशर्मी वाला था।’’

सामना में लिखा है, ’जिस तरह से बच्चों की मौत हो रही है, क्या यही मोदी सरकार के अच्छे दिन हैं?’’ इतना ही नहीं उद्धव ने अबतक इस मामले में पीएम मोदी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आने को भी शर्मनाक बताया है। साथ ही सामना में लिखा कि उत्तर प्रदेश में हुआ ये बड़ा हादसा, स्वतंत्रता दिवस का अपमान है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरीए योगी सरकार से साथ-साथ मोदी सरकार को भी घेरने की कोशिश की है। गरीबों के साथ जो हुआ, ये बेहद निंदनीय है, उनकी ‘मन की बात’ को समझने की बजाय, उनकी वेदनाओं की खिल्ली उड़ाई जाती है, आखिर इस हत्याकांड के लिए जिम्मेदार कौन है?

सीएम योगी के BRD अस्पताल दौरे से ठीक बाद हादसे के बाद पीड़ितों के लिए मसीहा बने अस्पताल के वाइस प्रिंसिपल और सुपरिटेंडेंट डॉक्टर कफील खान को ड्यटी से हटा दिया गया। बता दें कि इससे पहले मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को निलंबित कर दिया गया था।

डॉक्टर कफील खान BRD अस्पताल में इंसेफेलाइटिस विभाग के इंचार्ज थे। साथ ही उनके पास कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल और अस्पताल अधीक्षक भी जिम्मेदारी थी। हालांकि, कफील खान को हटाए जाने का अभी तक कोई कारण नहीं बताया गया है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

दरअसल गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 10 अगस्त की शाम ऑक्सीजन सप्लाई का रुक गई थी। जिसकी वजह से 36 बच्चों की मौत हो गई थी। बताया गया कि जब अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकी थी और बच्चों की जान सिर्फ एक पंप के सहारे टिकी हुई थी। हालांकि अब अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई शुरु की जा चुकी है।

डॉक्टरों ने उठाए सवाल

कफील पर की गई कार्रवाई का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। इस बीच एम्स के रिजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कफील खान को हटाए जाने को लेकर कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हरजीत सिंह भारती ने एनडीटीवी से कहा कि हमने पहले ही कहा था कि इस हादसे के लिए अकेले डॉक्टर जिम्मेदार नहीं हैं। इसमें स्वास्थ्य सचिव, प्रिंसिपल सभी की जवाबदेही होनी होती है। उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को एक बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

 

 

 

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