जानिए रतन टाटा ने पीएम मोदी की मौजूदगी में अपने दुर्लभ भाषण के दौरान हिंदी में न बोलने पर क्या कहा?

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असम से एक भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद से उद्योगपति रतन टाटा इंटरनेट पर ट्रेंड कर रहे हैं। वायरल वीडियो में नामी उद्योगपति असम में कई नए कैंसर अस्पतालों की आधारशिला रखते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भाषण देते देखा जा सकता है। अपने इस दुर्लभ भाषण में 84 साल के उद्द्योगपति ने कहा कि वो हिंदी में भाषण देने में असक्षम है और सिर्फ इंग्लिश में लोगोंग से बात करेंगे।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, टाटा ने कहा, “मैं हिंदी में भाषण नहीं दे सकता, इसलिए मैं आप सभी के साथ अंग्रेजी में संवाद करने का प्रयास करूंगा।”

वृद्ध उद्योगपति ने आगे कहा, “यह वास्तव में एक ऐसा दिन है जब कैंसर, जो एक अमीर आदमी की बीमारी नहीं है, से लाखों लोगों का इलाज के लिए (विशेष अस्पतालों को )तैयार किया जा रहा है।”

टाटा ने असम के मुख्यमंत्री हिमनता बिस्वा सरमा और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तर-पूर्वी राज्य में कैंसर से लड़ने के लिए अस्पताल स्थापित करने का बीड़ा उठाने के लिए धन्यवाद दिया।

हालांकि टाटा ने कहा कि वह हिंदी में नहीं बोल सकते हैं, उन्होंने हिंदी में एक संक्षिप्त भाषण देकर अपना बात ख़त्म की। उन्होंने कहा, “आज असम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। आज असम दुनिया को बता सकता है कि कैंसर के इलाज की सुविधा जो पहले भारत के इस छोटे से राज्य में उपलब्ध नहीं थी, अब यहां लाया जा रहा है।”

पीएम मोदी ने गुरुवार को डिब्रूगढ़ में एक समारोह में असम के छह कैंसर अस्पतालों को राष्ट्र को समर्पित किया। ये कैंसर अस्पताल डिब्रूगढ़, कोकराझार, बारपेटा, दरांग, तेजपुर, लखीमपुर और जोरहाट में बने हैं। डिब्रूगढ़ अस्पताल को प्रधान मंत्री द्वारा उस दिन राष्ट्र को समर्पित किया गया था जब उन्होंने नए अस्पताल के परिसर का दौरा किया । पीएम मोदी ने धुबरी, नलबाड़ी, गोलपारा, नगांव, शिवसागर, तिनसुकिया और गोलाघाट में सात नए कैंसर अस्पतालों की आधारशिला भी रखी।

इस बीच, ट्विटर यूज़र्स भारत में योगदान के लिए रतन टाटा को धन्यवाद देते रहे हैं।