पश्चिम बंगाल: उपचुनावों में हार के बाद BJP के तीन नेताओं ने दिया इस्तीफा, प्रदेश नेतृत्व पर उठाए सवाल

0

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव अनुपम हाजरा ने रविवार को कहा कि पार्टी के पश्चिम बंगाल नेतृत्व को प्रदेश समिति के तीन सदस्यों के इस्तीफे के पीछे के कारणों का विश्लेषण और आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। हाजरा ने साथ ही यह सवाल भी किया कि क्या वरिष्ठ नेता निर्णय लेने वाली समिति में अब सहज महसूस नहीं कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल

मुर्शिदाबाद के भाजपा विधायक गौरीशंकर घोष के भाजपा प्रदेश इकाई के महासचिव पद से और राज्य कार्यसमिति के सदस्यों बानी गांगुली और दीपांकर चौधरी के त्यागपत्र के बाद हाजरा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह टिप्पणी की। इस्तीफा देने वाले तीनों ने आरोप लगाया कि राजनीतिक मुद्दों पर पार्टी द्वारा नीतिगत निर्णय लेते समय उनकी अनदेखी की गई।

यह घटनाक्रम राज्य में दो उपचुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की जीत के एक दिन बाद सामने आया है। बता दें कि, आसनसोल लोकसभा सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा की अग्निमित्रा पॉल को भारी मतों से हराया, जबकि बाबुल सुप्रियो ने बालीगंज में माकपा की साइरा शाह हलीम को भारी मतों से हराया।

हाजरा ने कहा कि गौरीशंकर घोष एक अच्छे संगठनकर्ता हैं, जिन्होंने प्रदेश में भाजपा का झंडा ऊंचा किया। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, उनके जैसे लोगों की अब प्रदेश समिति का हिस्सा बनने में कोई दिलचस्पी क्यों नहीं है? इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए।’’

अपने त्यागपत्र में घोष ने कहा कि भाजपा की राज्य और जिला समितियां संगठनात्मक कमजोरियों को दूर करने में विफल रही हैं, जो हाल के सभी चुनावों में हमारे खराब प्रदर्शन के मुख्य कारण थे।

भाजपा सांसद सौमित्र खान ने शनिवार को कहा था कि आसनसोल लोकसभा सीट और बालीगंज विधानसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी की हार की आशंका थी, क्योंकि प्रदेश इकाई का नेतृत्व ‘‘किसी भी राजनीतिक परिपक्वता से रहित अनुभवहीन नेताओं’’ के हाथों में है। (इंपुट: भाषा के साथ)

[Please join our Telegram group to stay up to date about news items published by Janta Ka Reporter]

Previous articleतमिलनाडु के 18 वर्षीय टेबल टेनिस खिलाड़ी दीनदयालन विश्व की सड़क दुर्घटना में मौत, चैंपियनशिप में भाग लेने जा रहे थे शिलांग
Next articleJSP posts record steel production and sales in FY22