भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने सोमवार को संसद में ‘द क्रिमिनल प्रोसीजर (आइडेंटिफिकेशन) बिल, 2022’ पर बोलते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नही हैं। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में विरोधी दल के नेता अधीर रंजन चौधरी पर पलटवार करते हुए अजय मिश्रा टेनी ने चुनौती देते हुए कहा है कि अगर विपक्ष उनके खिलाफ कुछ साबित कर दें तो वो राजनीति से सन्यास ले लेंगे।
दरअसल, अजय मिश्रा टेनी जब लोकसभा में इस बिल पर बोल रहे थे तो इस दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लखीमपुर खीरी में किसानों पर जीप चढ़ाए जाने के मामले की ओर इशारा करते हुए उनको टोका।
इसपर टेनी ने कहा, “मैं अधीर रंजन चौधरी को बताना चाहता हूं कि मैंने 2019 में लोकसभा का पर्चा भरा है, अगर मेरे विरुद्ध एक भी केस हो और एक मिनट के लिए भी मैं थाने और जेल में गया हूं तो मैं अभी राजनीति से संन्यास ले लूंगा।”
मैं अधीर रंजन चौधरी को बताना चाहता हूं कि मैंने 2019 में लोकसभा का पर्चा भरा है, अगर मेरे विरुद्ध एक भी केस हो और एक मिनट के लिए भी मैं थाने और जेल में गया हूं तो मैं अभी राजनीति से सन्यास ले लूंगा: लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी pic.twitter.com/0Z9UDJbrji
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 28, 2022
सोमवार को संसद में पेश किया गया ‘द क्रिमिनल प्रोसीजर (आइडेंटिफिकेशन) बिल, 2022’ (आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक) में पुलिस को विशेष अधिकार दिए गए हैं। इसमें पुलिस को किसी अपराध के मामले में गिरफ्तार और दोषसिद्ध अपराधियों का रिकार्ड रखने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग की अनुमति देने का भी प्रस्ताव है।
बिल पर बोलते हुए टेनी ने कहा, “मौजूदा बन्दी शिनाख्त अधिनियम साल 1920 में बना था और उसमें केवल फिंगर और फुट प्रिंट लिया जाता था। दुनिया में बहुत से चीज़ें बदली हैं,आपराधियों को और अपराध करने का जो ट्रेंड बढ़ा है इसलिए हम दण्ड प्रक्रिया शिनाख्त अधिनियम 2022 लेकर आए हैं।”
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि, “इससे हमारे जांच एजेंसियों को फायदा होगा और प्रॉसिक्यूशन बढ़ेगा। प्रॉसिक्यूशन के साथ-साथ कोर्ट में दोषसिद्धि की प्रतिशत भी बढ़ने की पूरी संभावनाएं हैं।”
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