सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई कई मुठभेड़ों के फर्जी होने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर राज्य सरकार से सोमवार(2 जुलाई) को जवाब मांगा।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने गैर सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी (पीयूसीएल) की जनहित याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।
पीयूसीएल की ओर से वकील संजय पारिख ने आरोप लगाया कि हाल में उत्तर प्रदेश में 500 मुठभेड़ हुई है जिनमें कुल 58 लोग मारे गए। पीठ ने इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी पक्षकार बनाने का अनुरोध को स्वीकार नहीं किया। आयोग ने भी इस मुद्दे पर पहले राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।
बता दें कि, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यानाथ की सरकार बनने के बाद अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें कई ईनामी बदमाशों का एनकाउंटर हुआ है लेकिन इनमें से कुछ मुठभेड़ें ऐसी भी हैं जिसमें पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे।