कोरोना वैक्सीन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के ट्वीट को ट्विटर ने बताया ‘भ्रमित करने वाला’

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सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और ऐक्टिविस्ट प्रशांत भूषण कोरोना वैक्सीन के खिलाफ किए गए अपने ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए है, लोग उनकी आलोचना करते हुए उन्हें ट्रोल कर रहे है। इस बीच, ट्विटर ने भी कोरोना वैक्‍सीन को लेकर किए गए प्रशांत भूषण के ट्वीट को ‘भ्रमित करने वाला’ माना है। इसके बाद 64 वर्षीय वकील ने टीकाकरण के खिलाफ कई और ट्वीट किए।

दरअसल, प्रशांत भूषण ने सोमवार (28 जून) को अपने ट्वीट में लिखा था, “दोस्तों और परिवार सहित बहुत से लोगों ने मुझ पर वैक्सीन की हिचकिचाहट को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, मुझे अपनी स्थिति स्पष्ट करने दें। मैं वैक्सीन विरोधी नहीं हूं लेकिन मेरा मानना है कि प्रायोगिक और परीक्षण न किए गए टीके के टीकाकरण को बढ़ावा देना गैर-जिम्मेदाराना है, खासकर युवा और कोविड से ठीक हुए लोगों के लिए।”

प्रशांत भूषण ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, “स्वस्थ युवाओं में कोविड के कारण गंभीर प्रभाव या मृत्यु की संभावना बहुत कम होती है। वैक्सीन के कारण उनके मरने की संभावना अधिक होती है। कोरोना से रिकवर होने वालों की नैचुरल इम्युनिटी, वैक्सीन की तुलना में कहीं बेहतर होती है। वैक्सीन उनकी नैचुरल इम्युनिटी से समझौता भी कर सकते हैं।”

इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर प्रशांत भूषण को निंदा का सामना करना पड़ा। इसके कंटेंट को भ्रामक माना गया, साथ ही लोगों ने उनके विचारों की भी जमकर आलोचना की। इस आलोचना से अविचलित प्रशांत ने एक अन्‍य पोस्‍ट में वैक्‍सीन को लेकर उनके संशय के बारे में बताते हुए कहा कि इन विचारों की आलोचना से वे हैरान हैं।

माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने प्रशांत भूषण के इस ट्वीट को भ्रामक मानते हुए सेंसर कर दिया है, ट्विटर ने प्रशांत भूषण के ट्वीट के नीच लिख दिया, ‘यह ट्वीट भ्रामक है। पता करें कि स्वास्थ्य अधिकारी अधिकांश लोगों के लिए COVID-19 इंजेक्शन को सुरक्षित क्यों मानते हैं।

ट्विटर की ओर से यह कदम, कुछ सप्‍ताह पहले के इसी तरह के मामले के बाद सामने आया है, इसमें भाजपा नेता संबित पात्रा ने ट्वीट में ‘हेरफेर’ की शिकायत करते हुए विपक्षी कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया था कि वह सरकार की कोविड की कमियों को उजागर करने के लिए ‘टूलकिट’ शेयर कर रही है।

गौरतलब है कि, कोरोना वायरस की तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए अधिक से अधिक वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा लेकिन वहीं टीके को लेकर विवाद भी नहीं थम रहा। भारत सरकार की ओर से टीकाकरण को लेकर जारी रोडमैप के अनुसार, इस साल दिसंबर के अंत तक सभी लोगों का वैक्सीनेशन पूरा कर लिया जाएगा। राज्य और केंद्र सरकार की ओर से बार-बार अपील की जा रही है कि वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर लोग जल्द से जल्द टीका लगवा लें।

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