उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्षेत्र गोरखपुर की बदहाल व्यवस्था को दर्शाने वाली घटना के सामने आने के बाद देश भर में हड़कंप मच गया है। बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 48 घंटे के दौरान 33 और पिछले छह दिनों में 64 से अधिक मासूमों की मौत ने सबको झकझोर दिया है। वहीं दूसरी और इस मुद्दे पर राजनीति भी जमकर हो रही है।
फोटो- aniमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गोरखपुर के अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। कोर्ट ने सोमवार(14 अगस्त) को कहा है कि इस मुद्दे पर कोई भी याचिकाकर्ता हाई कोर्ट जा सकता है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री खुद नजर बनाए हुए है। बता दें कि राजश्री रेड्डी ने याचिका दाखिल कर कोर्ट से गोरखपुर मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी।
Gorakhpur child deaths tragedy: Supreme Court asked the petitioner to approach High court
— ANI (@ANI) August 14, 2017
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां ने इस घटना की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है। इस बीच आलोचना का सामना कर रहे सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा रविवार(13 अगस्त) को अस्पताल का निरीक्षण किया और अधिकारियों से रिपोर्ट ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना में दोषियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी कि मिसाल बनेगी।
योगी सरकार ने बीआरडी(BRD) मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रिंसिपल डॉक्टर कफील को भी निलंबित कर दिया है।इससे पहले मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को निलंबित कर दिया गया था।
डॉक्टरों ने उठाए सवाल
कफील पर की गई कार्रवाई का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। इस बीच एम्स के रिजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कफील खान को हटाए जाने को लेकर कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हरजीत सिंह भारती ने एनडीटीवी से कहा कि हमने पहले ही कहा था कि इस हादसे के लिए अकेले डॉक्टर जिम्मेदार नहीं हैं। इसमें स्वास्थ्य सचिव, प्रिंसिपल सभी की जवाबदेही होनी होती है। उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को एक बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
इसी बीच शिवसेना ने योगी सरकार का तीखा विरोध करते हुए इस हादसे को ‘सामूहिक बालहत्या’ करार दिया है।शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए उद्धव ठाकरे ने यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह पर भी निशाना साधा है।
सामना में लिखा है, ’जिस तरह से बच्चों की मौत हो रही है, क्या यही मोदी सरकार के अच्छे दिन हैं?’’ इतना ही नहीं उद्धव ने अबतक इस मामले में पीएम मोदी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आने को भी शर्मनाक बताया है। साथ ही सामना में लिखा कि उत्तर प्रदेश में हुआ ये बड़ा हादसा, स्वतंत्रता दिवस का अपमान है।