सुप्रीम कोर्ट ने निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित मरीजों के इलाज पर आने वाले खर्च की ऊपरी सीमा तय करने संबंधी याचिका पर शुक्रवार (5 जून) को केंद्र सरकार का पक्ष जानना चाहा।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने अभिषेक गोयनका की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सरकार निचले तबके के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कर रही है, जो लोग अपना इलाज कराने में सक्षम नहीं है, उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर किया गया है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का उद्देश्य देश में गरीबों और जोखिम वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य कवर उपलब्ध कराना है।
न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को एक सप्ताह में इस बारे में सरकार से निर्देश लेकर आने को कहा। मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी। याचिकाकर्ता ने निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस (कोविड-19) के इलाज खर्च की ऊपरी सीमा तय करने का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की है।
बता दें कि, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में हर दिन हो रही बढ़ोतरी से संक्रमितों की कुल संख्या सवा दो लाख से अधिक हो गई है और पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा 273 लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 6348 पर पहुंच गया है। (इंपुट: एजेंसी के साथ)