दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों में सोमवार (4 मई) से लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया है जो 17 मई तक चलेगा। सरकार ने इस दौरान कुछ रियायतें दी हैं जिसके तहत रिहायशी इलाकों में शराब, पान, गुटखा की दुकानों को खोलने की अनुमति के साथ ही सभी सरकारी कार्यालय खुलेंगे जबकि मेट्रो, बस, स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल, सैलून, जिम और होटल-रेस्त्रां बंद रहेंगे।

ठेके खुलने के बाद शराब लेने के लिए लोग सुबह से ही कतारों में लग गए। हाल ये हुआ कि देश के कई हिस्सों में शराब के ठेकों के बाहर करीब 2-3 किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ाई। ठेकों के बाहर लोगों की लंबी कतारों के तमाम वीडियो और तस्वीरें भी सामने आई।
ठेके के बाहर लोगों की लंबी कतारों पर ज़ी न्यूज़ के संपादक और एंकर सुधीर चौधरी ने भी एक ट्वीट किया। एक वीडियो पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने लिखा, “शराब के लिए पैसे हैं लेकिन रेल के भाड़े के लिए नहीं।” सुधीर चौधरी अपने इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए, लोगों उन्हें बुरी तरह ट्रोल करना शुरु कर दिया। उनके इस ट्वीट पर पूर्व विधायक अलका लांबा ने भी अपनी प्रतिक्रियां दी।
शराब के लिए पैसे हैं लेकिन रेल के भाड़े के लिए नहीं। https://t.co/xtrbK0AFlW
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) May 4, 2020
अलका लांबा ने अपने ट्वीट में लिखा, “दिल्ली वासियों को रेल से कहाँ भेजना चाहते हो चौधरी जी?? लगता है आपने लाइन में खड़े हर व्यक्ति का पहचान पत्र जाँचा है:), रेल मंत्रालय द्वारा वसूला जा रहा गिराया आपको नहीं ग़रीब कामगार मजदूरों को चुभ रहा है, आपको रेलवे की कमाई की चिंता हो रही है, कांग्रेस को मजदूरों की।”
वहीं, पत्रकार उमाशंकर सिंह ने लिखा, “100 करोड़ कहाँ चले गए पता ही नहीं चला!”, एक अन्य यूजर ने लिखा, “हर आदमी सौ करोड़ की डील किए नहीं बैठे है चौधरी जी, थोड़ा संयम रखिए।”
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, “मूर्ति बनाने के लिए पैसे है, रेल भाड़ा देने के लिए नहीं? नमस्ते ट्रम्प पर सैकड़ों करोड़ खर्च किया जा सकता है पर गरीबों को रेलभाड़ा नहीं दिया जा सकता ? पूछ अपने आका से तिहाड़ी।” बता दें कि, इसी तरह तमाम यूजर्स उनके इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रयाएं दे रहे हैं।
देखें कुछ ऐसे ही ट्वीट
दिल्ली वासियों को #रेल से कहाँ भेजना चाहते हो चौधरी जी ??
लगता है आपने लाइन में खड़े हर व्यक्ति का पहचान पत्र जाँचा है :),
रेल मंत्रालय द्वारा वसूला जा रहा गिराया आपको नहीं ग़रीब कामगार मजदूरों को चुभ रहा है,
आपको रेल्वे की कमाई की चिंता हो रही है, काँग्रेस को मजदूरों की ???. https://t.co/ED9WMLW9tJ— Alka Lamba – अलका लाम्बा?? (@LambaAlka) May 4, 2020
खान मार्केट 2.0 https://t.co/zxM7JHKt0L
— Narendra nath mishra (@iamnarendranath) May 4, 2020
मूर्ति बनाने के लिए पैसे है, रेल भाड़ा देने के लिए नहीं ?
नमस्ते ट्रम्प पर सैकड़ों करोड़ खर्च किया जा सकता है पर गरीबों को रेलभाड़ा नहीं दिया जा सकता ?
पूछ अपने आका से तिहाड़ी।
— Vipin Rathaur (@VipinRathaur) May 4, 2020
हर आदमी सौ करोड़ की डील किए नहीं बैठे है चौधरी जी, थोड़ा संयम रखिए। https://t.co/CSlf6sqw5o
— Bhaiyyaji (@bhaiyyajispeaks) May 4, 2020
100 करोड़ कहाँ चले गए पता ही नहीं चला! ? https://t.co/TteNi7emYd
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) May 4, 2020
ये पत्रकार है ज़ी न्यूज़ का।
शर्म नहीं आ रही है इसको ये बात बोलते हुए।
गरीब मजदूर जिसके पास 1 वक़्त का खाना खाने के लिए पैसे नहीं है तुम उसके लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करोगे।
तुम्हारी मत मारी गई है सुधीर चौधरी।— Khalid Salmani?️ (@khalidsalmani1) May 4, 2020