तमिल सुपरस्टार ने BJP को कहा- हिन्दु राष्ट्र की कथाएं सुनाना बंद करों

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पशुओं की खरीद-बिक्री के प्रतिबंध को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के बाद देश भर में इसके विरोध में कई जगह प्रर्दशन हुए और लोगों ने आवाजे़ उठाई। ताजा मामले में इस मुद्दे पर बोलते हुए तमिल फिल्मों के सुपरस्टार सिद्धार्थ ने बीजेपी को टोकते हुए कहा कि यह लोगों की निजी पसंद है। उन्होंने अपनी बात बीफ बैन पर प्रतिबंध के सन्दर्भ में कहीं साथ ही उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट की कथाएं सुनानी बंद होनी चाहिए।

सुपरस्टार सिद्धार्थ ने केन्द्र की बीजेपी सरकार को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया कि प्रिय बीजेपी आपके पास शक्ति है, आप सशक्त है, लेकिन लोगों के पसन्द-नापसंद के निजी विकल्प से बाहर रहे। हिन्दू राष्ट्र की भाषा बोलना बंद करो। हम उससे कहीं अधिक बेहतर है।

इस मशहूर अभिनेता ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि पशुओं के व्यापार पर यह प्रतिबंध अनावश्यक है और केवल लोगों का ध्रुवीकरण करने वाला है। राज्य सरकारें पशुओं के वध पर सहमति या असमति दे रही हैं। केन्द्र को इससे दूर रहना चाहिए। हम में से अधिकांश लोग न तो भक्त है और न ही उदारवादी हैं, या और कोई बदसूरत नाम जो इसके लिए आता हो। हम केवल भारतीय है। जियो और जीने दो। घृणा फैलाना बंद करों।

सरकार ने वध के लिये पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध लगाने वाली केंद्र की अधिसूचना ने दो दक्षिण भारतीय राज्यों, तमिलनाडु और केरल में भारी अशांति फैल दी है, जहां छात्रों और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपना विरोध प्रदर्शनों को दर्ज करने के लिए सड़कों पर उतर आएं।

प्रतिबंध लगाने वाली केंद्र की अधिसूचना में कहा गया किसी भी शख्स को पशु बाजार में मवेशी को लाने की इजाजत नहीं होगी जब तक कि वहां पहुंचने पर वह पशु के मालिक द्वारा हस्ताक्षरित यह लिखित घोषणा-पत्र न दे दे जिसमें मवेशी के मालिक का नाम और पता हो और फोटो पहचान-पत्र की एक प्रति भी लगी हो। अधिसूचना के मुताबिक, मवेशी की पहचान के विवरण के साथ यह भी स्पष्ट करना होगा कि मवेशी को बाजार में बिक्री के लिये लाने का उद्देश्य उसका वध नहीं है।

आपको बता दे कि इससे पूर्व राष्ट्रवाद की अवधारणा से प्रभावित होकर एक जज ने अजीब तरह की कहानी गढ़ कर सुना दी जिसकी चारों और आलोचना की गई। जिसमें राजस्थान हाई कोर्ट ने मंगलवार(31 मई) को सुझाव दिया है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। एक न्यूज चैनल से बातचीत में जस्टिस महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि ‘मोर को राष्ट्रीय पक्षी इसलिए बनाया गया, क्योंकि वह जिंदगी भर ब्रह्मचारी रहता है। वह कभी भी मोरनी के साथ सेक्स नहीं करता। इसके जो आंसू आते हैं, मोरनी उसे चुगकर गर्भवती होती है और मोर या मोरनी को जन्म देती है।’

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