#MeToo: अब मोदी के मंत्री एमजे अकबर पर महिला पत्रकारों ने लगाया 'यौन उत्पीड़न' का आरोप, सवाल पूछने पर सुषमा स्वराज ने साधी चुप्पी

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अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अब अलग-अलग इंडस्ट्री की बाकी हस्तियों ने भी अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। नाना पाटेकर के बाद जहां डायरेक्टर विकास बहल, मशहूर सिंगर कैलाश खेर, अभिनेता रजत कपूर, मॉडल जुल्फी सैयद, फिल्मों और टीवी जगत के ‘संस्कारी बाबू’ यानी अभिनेता आलोक नाथ सहित ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ (एचटी) के ब्यूरो प्रमुख और राजनीतिक संपादक प्रशांत झा पर भी यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं।

इसके अलावा देश मे #METOO अभियान के जोर पकड़ते ही कई नामी-गिरामी चेहरे कठघरे में खड़े हो गए हैं। इस बीच ‘मी टू’ अभियान के ताजा शिकार केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और पूर्व वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर हुए हैं। अकबर पर दो महिला पत्रकारों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। एक महिला पत्रकार ने वोग में लिखे एक लेख को पोस्ट करते हुए लिखा है कि इस लेख में ये एमजे अकबर के साथ की मेरी कहानी है।


एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में एक महिला पत्रकार ने आपबीती बताई थी, जिसके मुताबिक उसके बॉस ने उसे होटल के कमरे में उसे जॉब इंटरव्यू के लिए बुलाया था। हार्वे विन्सिटन्स ऑफ द वर्ल्ड नाम से लिखे पोस्ट में कहा कि अकबर ने होटल के कमरे में उनका इंटरव्यू लिया और उन्हें शराब पीने की पेशकश की। उन्होंने बिस्तर पर उनके पास बैठने को कहा।
पोस्ट में कहा गया कि अकबर अश्लील फोन कॉल्स, मैसेज और असहज टिप्पणी करने में माहिर हैं। अकबर ने हिंदी गाने भी गाए थे। आपको बता दें कि मौजूदा विदेश मंत्री राज्य मंत्री एमजे अकबर कई अखबारों और पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं। अकबर पर महिला पत्रकारों की सहमति के खिलाफ कदम उठाने और होटल के कमरों में उनसे असहज करने वाले इंटरव्यू करने के आरोप लगाए गए हैं।
महिला ने एमजे अकबर पर आरोप लगाया कि वो इंटरव्यू के बहाने महिलाओं को होटल कमरे में बुलाते थे और उनका व्यवहार आपत्तिजनक होता था। महिला पत्रकार ने ट्विटर पर एक लिंक पोस्ट करते हुए लिखा कि उन्होंने ये लेख एमजे अकबर के लिए लिखा था। एक अन्य महिला ने आरोपों की पुष्टि की है अकबर ने उसके सामने भी कई अश्लील प्रस्ताव रखे थे।


महिला के मुताबिक, 1995 में कोलकाता के ताज पैलेस में उसके सामने अकबर ने उसके सामने ऐसे अश्लील ऑफर दिए थे और उसके बाद उसने जॉब ऑफर ठुकरा दी थी। हालांकि अकबर ने अभी तक अपने ऊपर लगे आरोपों पर कोई सफाई नहीं दी है। वहीं, विपक्ष ने इस बहाने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा है कि ये गंभीर आरोप हैं और अकबर को इस्तीफा देना चाहिए।

सुषमा स्वराज ने साधी चुप्पी
एमजे अकबर पर महिला पत्रकारों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर जब मीडियाकर्मियों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से सवाल किया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें पत्रकार सुषमा स्वराज से अकबर पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया मांग रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कुछ भी जवाब देने से इनकार कर दिया।


स्वराज ने अपने मातहत राज्य मंत्री एम जे अकबर पर उनके पत्रकारीय जीवन के दौरान दो महिला पत्रकारों के यौन शोषण किए जाने के आरोपों पर चुप्पी साध ली। विदेश मंत्रालय में ‘इंडिया फॉर ह्यूमेनिटी’ पहल का शुभांरभ किए जाने के मौके पर कार्यक्रम समाप्त होने के बाद पत्रकारों ने जब सोशल मीडिया में चल रहे ‘मी टू’ अभियान में विदेश राज्य मंत्री अकबर पर आरोपों के बारे में पूछा तो स्वराज बिना कुछ कहे चलीं गईं।
#MeToo के जरिए खुलकर सामने आ रही हैं महिलाएं
गौरतलब है कि हॉलीवुड के फिल्मकार हार्वे वाइंस्टीन के खिलाफ यौन शोषण का मामला अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित होने के बाद से विश्व भर की महिलाएं खामोशी तोड़ते हुए ‘मी टू’ अभियान के जरिए अपनी-अपनी बाते खुलकर रख रही हैं। इस अभियान के जरिए कई बॉलीवुड अभिनेत्रियां भी खुलकर सामने आई हैं। विशेषकर तनुश्री दत्ता के विवाद के बाद से ‘मी टू’ अभियान काफी तेजी के फैल रहा है। तनुश्री दत्ता के नाना पाटेकर पर आरोप लगाने के बाद, महिलाओं की ऐसी कई और आवाजें सोशल मीडिया पर बुलंद होने लगी हैं।
अब महिला पत्रकार भी उन औरतों में शामिल हो गई हैं जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपने यौन उत्पीड़न के अनुभव लिखने शुरू कर दिए हैं। आपको बता दें कि यौन उत्पीड़न, यानी किसी के मना करने के बावजूद उसे छूना, छूने की कोशिश करना, यौन संबंध बनाने की मांग करना, सेक्सुअल भाषा वाली टिप्पणी करना, पोर्नोग्राफी दिखाना या कहे-अनकहे तरीके से बिना सहमति का सेक्सुअल बर्ताव करना होता है। इन दिनों फिल्म, मीडिया और इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़ी हस्तियों पर लगे यौन प्रताड़ना के आरोप से सोशल मीडिया पर चर्चा गर्म है।
#MeToo और #TimesUp अभियान के तहत भारतीय महिलाएं आपबीती बता रही हैं। इसमें अपने साथ हुए दुर्व्यवहारों और प्रताड़ना को सोशल मीडिया पर साझा कर रही हैं। सोशल मीडिया पर ये महिलाएं कुछ सबूत भी पेश कर रही हैं। इन आरोपों के बाद यह बहस तेज हो गई है कि कैसे किसी ऑर्गेनाइजेशन या दफ्तर के भीतर ही सारी चीजें घटित हो रही हैं और किसी को भनक तक नहीं लग रही। यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़े कई संस्थानों ने अब कार्रवाई की बात कही है।
 

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