नागपुर सेशंस कोर्ट ने मंगलवार (9 अक्टूबर) को पाकिस्तान को ब्रह्मोस मिसाइल संबंधी जानकारी लीक करने के आरोप में सोमवार (8 अक्टूबर) को गिरफ्तार किए गए ब्रह्मोस मिसाइल इंजीनियर निशांत अग्रवाल को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड दी है। मंगलवार को तीन दिन के ट्रांज़िट रिमांड पर उत्तर प्रदेश एन्टी-टेरर स्क्वाड (ATS) को सौंप दिया है। रिमांड मिलने के बाद उत्तर प्रदेश एटीएस निशांत को यूपी ला सकती है, जहां उससे आगे की पूछताछ की जाएगी। आपको बता दें कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के एरोस्पेस इंजीनियर निशांत अग्रवाल को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्तों ने इंटेलिजेंस यूनिट्स की देखरेख में यह कारवाई की है। उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने महाराष्ट्र एटीएस के साथ संयुक्त कार्रवाई में गोपनीय और संवेदनशील दस्तावेजों को अपने लैपटॉप में रखने के आरोप में नागपुर स्थित एक रक्षा प्रतिष्ठान के इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया। यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के नागपुर के उज्ज्वल नगर निवासी निशांत अग्रवाल को उसके घर से गिरफ्तार किया गया।
Maharashtra: Brahmos engineer Nishant Agarwal being brought out of Nagpur Sessions Court. The Court has granted his three days transit remand to Uttar Pradesh ATS. He was arrested yesterday on charges of spying. pic.twitter.com/Vwma9PdjPQ
— ANI (@ANI) October 9, 2018
उन्होंने बताया कि फेसबुक पर पाकिस्तान से महिलाओं की छद्म आईडी बनाने और भारत में संवेदनशील स्थानों पर काम कर रहे लोगों को फंसाने की कार्यप्रणाली सामने आने के बाद से यूपी एटीएस इस पर निगाह रख रही थी। पूर्व में गिरफ्तार सीमा सुरक्षा बल के एक आरक्षी से संबंधित जांच में दो और फेसबुक आईडी निगाह में आई थीं जो महिलाओं के छद्म नाम से बनाई गई थीं और पाकिस्तान से उनका संचालन किया जा रहा था। निशांत द्वारा उन आईडी से चैट किए जाने के सुबूत मिले थे।
ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़ी जानकारी पाकिस्तानी एजेंसियों को मुहैया करवाने का आरोप
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, निशांत पिछले चार साल से डीआरडीओ में काम कर रहा था। उस पर आरोप है कि उसने पर ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़ी जानकारी और तकनीकी डेटा अमेरिकी और पाकिस्तानी एजेंसियों को मुहैया करवाई है। उसे ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस का गठन भारत के डीआरडीओ और रूस के ‘मिलिट्री इन्डस्ट्रीयल कंसोर्टियम’ (एनपीओ मशिनोस्त्रोयेनिया) के बीच जॉइंट वेंचर के तौर पर हुआ है। भारत और रूस के बीच 12 फरवरी, 1998 को हुए एक इंटर-गवर्मेंटल समझौते के तहत यह कंपनी स्थापित की गई थी। इस यूनिट में ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण का काम होता है।
एटीएस ने सर्च वारंट लेकर ली तलाशी
सूत्रों ने बताया कि इस पर यूपी एटीएस ने अदालत से ‘सर्च वारंट’ लेकर महाराष्ट्र एटीएस के साथ मिलकर निशांत के घर पर तलाशी ली। इस दौरान उसके व्यक्तिगत कंप्यूटर पर गोपनीय और अतिसंवेदनशील दस्तावेज मिले। सूत्रों ने बताया कि यह शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत अपराध है, जिसके लिए निशांत को गिरफ्तार किया गया। एटीएस ने निशांत के कार्यालय की भी तलाशी ली है और सबूत इकट्ठा किए हैं। उसके रुड़की स्थित आवास से भी उसका एक पुराना लैपटॉप बरामद किया गया है जिसका परीक्षण किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि निशांत को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा। हालांकि उसकी गिरफ्तारी गोपनीय अभिलेखों को अवैध रूप से अपने व्यक्तिगत लैपटॉप में रखने की वजह से हुई है मगर इस बारे में भी गहन जांच की जा रही है कि उसने पाकिस्तान की फेसबुक आईडी से क्या बातें पहुंचाई। अगर इस बारे में कोई सुबूत मिले तो मुकदमे में अन्य धाराएं भी बढ़ाई जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक इसी सिलसिले में कानपुर और आगरा में भी एक एक व्यक्ति की तलाशी ली गई और उससे पूछताछ की गई है। उनके लैपटॉप भी कब्जे में लिए गए हैं। परीक्षण के बाद उनकी भूमिका स्पष्ट हो सकेगी।