गुरुग्राम के भोंडसी स्थित रयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा के 7 वर्षीय छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या का मामला अभी ठंड़ा भी नहीं हुआ है कि, अब यूपी के देवरिया से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। सोमवार(18 सितंबर) को यहां एक स्कूल की तीसरी मंजिल से 9वीं क्लास के 15 वर्षीय छात्रा को कथित रूप से धक्का दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद छात्रा के परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
फोटो- ndtvमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना नेहरू नगर के मॉर्डन सिटी मॉनटेसरी स्कूल की बताई जा रही है। छात्रा सोमवार सुबह करीब 11 बजे स्कूल की तीसरी मंजिल पर टॉयलेट के लिए गई थी, कुछ देर बाद उसे ग्राउंड फ्लोर लहूलुहान पाया गया। स्कूल प्रशासन के मुताबिक उसे तुरंत नजदीक के अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।
Deoria- My daughter said she was pushed from behind. School students had come home to inform me of the incident, no teachers came: Father pic.twitter.com/EmSH4TB7KQ
— ANI UP (@ANINewsUP) September 19, 2017
ख़बरों के मुताबिक, छात्रा के परिजनों ने आरोप लगाया है कि किसी ने उसे स्कूल की तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया।लड़की के पिता परमहंस चौहान का कहना है कि, अस्पताल ले जाने के दौरान मेरे बेटे ने उससे पूछा कि क्या हुआ था तो मेरी बेटी ने बताया कि उसे धक्का दे दिया गया था।
लड़की के परिवार ने यह भी कहा कि इस घटना के बारे में उन्हें स्कूल मैनेजमेंट ने नहीं, बल्कि क्लास के विद्यार्थियों ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह घटना सुबह 11 बजे की है, जबकि उन्हें 3 बजे इसकी सूचना मिली। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और आगे की जांच चल रही है।
ख़बरों के मुताबिक, पुलिस कुछ टीचर्स और स्कूल के प्रिंसिपल की तलाश में है, जो इस घटना के बाद फरार हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजीव मल्होत्रा ने बताया कि पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि, गुरुग्राम के रयान इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार(8 सितंबर) को दूसरी कक्षा के 7 वर्षीय छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के बाद यूपी पुलिस ने सभी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए कई जरूरी निर्देश जारी किए थे। लेकिन उसके बाद भी स्कूलों में सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है।