किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट मामले में 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को जमानत दिए जाने के बाद न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के खिलाफ भारत की दक्षिणपंथी ब्रिगेड की पाखंड पर रिफत जावेद ने सवाल उठाया। ‘जनता का रिपोर्टर’ के प्रधान संपादक ने इस मुद्दे पर एक वीडियो बनाकर अपनी बात रखी हैं।
दरअसल, भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने युवा कार्यकर्ता दिशा रवि के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के पुलिस के फैसले पर सवाल उठाने के लिए न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा की आलोचना की। उसी दक्षिणपंथी ब्रिगेड ने जज राणा की उस समय जमकर तारीफ की थी, जब उन्होंने विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए जेल में महीनों बिताने के बाद सफूरा ज़गर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
आप भी देखिए, रिफत जावेद द्वारा बनाया गया यह वीडियो। स्वतंत्र और ईमानदार पत्रकारिता का समर्थन करने के लिए आप भी ‘जनता का रिपोर्टर’ के YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें।
गौरतलब है कि, दिल्ली के एक सत्र न्यायालय के न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दिशा रवि को ज़मानत दी थी। जमानत देते हुए अदालत ने जिन सवालों को खड़ा किया है, उसने मौजूदा केंद्र सरकार, भाजपा, उसके सहयोगी संगठनों और मीडिया के एक तबके को सीधे कठघरे में खड़ा कर दिया है।
बता दें कि, दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले ‘टूलकिट’ मामले में 13 फरवरी को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था। दिशा रवि की गिरफ़्तारी के बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार की आलोचना की थी। उनके साथ ही पर्यावरण के लिए काम करने वाले लोग और नागरिक संगठनों से जुड़े लोग भी दिशा के समर्थन में आ गए थे।