ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली के एक कथित मामले में गिरफ्तार किए गए वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा की जमानत अर्जी आज अदालत ने खारिज कर दी। बता दें कि, विनोद वर्मा इन दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सेंट्रल जेल भेज में बंद है।
बता दें कि, उसके बाद तीन दिनों की पुलिस रिमांड की मियाद पूरी होने के बाद मंगलवार (31 अक्टूबर) सुबह उन्हें रायपुर में न्यायाधीश भावेश कुमार वट्टी की अदालत में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने विनोद वर्मा को 13 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
Chhattisgarh Sex CD case: Bail plea of journalist Vinod Verma rejected by Raipur Court.
— ANI (@ANI) November 6, 2017
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आज वर्मा की ओर से रायपुर की ही अदालत में वकील सुदीप श्रीवास्तव और फैजल रिजवी ने दलीलें रखीं। वर्मा के दोनों वकीलों ने अदालत से कहा कि आरोपी वरिष्ठ पत्रकार हैं, इसलिए उन्हें जमानत देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
वहीं बचाव पक्ष के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी का संबंध दल विशेष से है, ऐसे में वो जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
जिसके जवाब में वर्मा के वकीलों ने कहा कि जिसने आरोप लगाया है वो केंद्र और राज्य दोनों की सत्ता के करीब है, ऐसे में जांच को कौन ज्यादा प्रभावित कर सकता है? दोनों ओर के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद रायपुर की अदालत ने वर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने ब्लैकमेलिंग और उगाही के आरोप में वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके से शुक्रवार (27 अक्टूबर) तड़के गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए जाने के बाद वर्मा ने कहा था कि छत्तीसगढ़ के एक मंत्री के खिलाफ उनके पास एक सेक्स टेप है, इसी कारण सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही है।
वहीं, रायपुर पुलिस के मुताबिक पांद्री पुलिस थाना में प्रकाश बजाज द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत के आधार पर वर्मा के खिलाफ ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली का एक मामला दर्ज किया गया है। वर्मा पर मंत्री के खिलाफ कथित सेक्स सीडी वाले मामले में ब्लैकमेलिंग, धमकी सहित अन्य मामले में केस दर्ज किया गया है।