मोदी सरकार युवाओं को रोजगार देने के मोर्च पर पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। PM मोदी की सरकारी योजना ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ से ट्रेनिंग लेने के बावजूद 20 लाख युवाओं को कोई रोजगार ही नहीं मिला।
रोजगार देने के मुद्दे पर मंगलवार को प्रिंस्टन युनिवर्सिटी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि संप्रग सरकार पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं कर पाई थी और उन्होंने कहा कि मोदी सरकार भी अपने वादे के बावजूद रोजगार पैदा करने में विफल साबित हुई है।
छात्रों से बात करते हुए राहुल गांधी कहा कि नरेंद्र मोदी और एक हद तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उदय के पीछे रोजगार का सवाल था। लेकिन मोदी सरकार भी अपने वादे के बावजूद रोजगार पैदा करने में विफल साबित हुई है।
राहुल गांधी ने कहा कि रोजगार लोगों को सशक्त करने, अधिकार संपन्न बनाने और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में उन्हें शामिल करने का एक समावेशी माध्यम है। उन्होंने साथ ही स्वीकार किया कि उनकी पार्टी पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर पैदा नहीं कर सकी। यही 2014 में उनकी पार्टी की हार का कारण बना।
राहुल यहां पर भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने कहा कि हजारों सालों से भारत भाईचारे के साथ रहने वाले देश के रूप में जाना जाता है, लेकिन अब कुछ ताकते हैं जो देश को बांटने का काम कर रही हैं। इससे दुनिया में हमारी छवि खराब हो रही है।
रोजगार के मुद्दे पर राहुल ने कहा, ‘भारत में 30 हजार युवा हर दिन जॉब मार्केट में आते हैं, मगर उनमें से सिर्फ 450 को ही रोजगार मिल पाता है।’ उन्होंने कहा ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार 50 ,60 कंपनियों पर ही ध्यान दे रही है।
आपको बता दे कि प्रधानमंत्री समेत BJP ने इस ‘प्रधानमंत्री की कौशल विकास योजना’ को भारत से बेरोजगारों की भीड़़ को कम करने वाली बताया था। इसके लिए मोदी सरकार ने साल 2014 में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का गठन किया था।जबकि बाद में तब के मंत्रालय प्रमुख राजीव प्रताप रूडी के अनुसार मंत्रालय का काम नौकरी दिलाना नहीं था बल्कि लोगों को नौकरी लायक बनाना था।
‘प्रधानमंत्री की कौशल विकास योजना’ अपने लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम साबित हुई है। जुलाई 2017 के पहले हफ्ते तक जो आंकड़े आए है उससे पता चल जाता है कि सरकार इस मोर्च पर कितनी कामयाब हुई है। योजना के तहत जिन 30.67 लाख लोगों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया था उनमें से 2.9 लाख लोगों को ही नौकरी के प्रस्ताव मिले। जबकि देशभर में बेरोजगारों की भारी भीड़ चारो तरफ दिखाई देती हैं।
30.67 लाख युवाओं में से केवल 2.9 युवाओं को नौकरी का प्रस्ताव बताता है कि योजना के तहत प्रशिक्षण पाने वालों में 10 प्रतिशत से भी कम को नौकरी का प्रस्ताव मिला जिससे पता चलता है कि मोदी सरकार का इस योजना के परिणाम का लक्ष्य न सिर्फ अधूरा रहा बल्कि पूरी तरह से फेल रहा।
राहुल गांधी ने कहा, “यदि आप आज अकुशल रोजगार को देखें तो चीन उन पर हावी है. चीन उन पर इसलिए हावी हैं, क्योंकि उनके पास एक खास तरह की राजनीतिक व्यवस्था है. वे उनपर हावी होने के लिए ताकत का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वहां उन्हें प्रतिस्पर्धात्मकता का एक लाभ मिला है।
आपको बता दें कि राहुल गांधी की यह जनसभा कांग्रेस की विदेश शाखा की ओर से प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को पार्टी में शामिल करने की योजना के तहत आयोजित की गई है। कांग्रेस के प्रवासी विभाग के अध्यक्ष सैम पित्रोदा हैं।