कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे में ‘ऑफसेट साझेदार’ के संदर्भ में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान को लेकर शनिवार(22 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सफाई दें, क्योंकि एक दूसरे देश के पूर्व राष्ट्रपति ने उन्हें ‘चोर’ कहा है।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संवाददाताओं से कहा, ‘फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर अनिल अंबानी की कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। एक तरह से वो कह रहे हैं कि भारत के प्रधानमंत्री चोर हैं।’
उन्होंने कहा, ‘पहली बार है कि किसी दूसरे देश के पूर्व राष्ट्रपति ने हमारे प्रधानमंत्री को चोर कहा, भ्रष्टाचारी कहा है। यह भ्रष्टाचार, रक्षा और हमारे जवानों के भविष्य का मामला है। प्रधानमंत्री पूरी तरह चुप हैं। वह एक शब्द नहीं बोले।’
उन्होंने आगे कहा, ‘भारत के प्रधानमंत्री को सफाई देनी चाहिये। समझ नहीं आ रहा है कि वह क्यों नहीं बोल रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘देश का चौकीदार का चोर है, पूरी तरह से भ्रष्टाचार का मामला है।’
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LIVE: Press Conference from Congress Headquarters in Delhi.#RafaleModiKaKhel
Posted by Rahul Gandhi on Saturday, 22 September 2018
बता दें कि, प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले राहुल गांधी शनिवार को ट्वीट करते हुए कहा था कि, ‘प्रधानमंत्री और अनिल अंबानी ने मिलकर भारतीय रक्षा बलों पर 130,000 करोड़ रुपये की सर्जिकल स्ट्राइक की है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘मोदी जी आपने हमारे शहीदों के खून का अपमान किया है। आपको शर्म आनी चाहिए। आपने भारत की आत्मा से विश्वासघात किया है।’ बता दें कि राहुल गांधी ने ओलांद के कथित बयान को लेकर शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था।
बता दें कि राहुल गांधी ने ओलांद के कथित बयान को लेकर शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘प्रधानमंत्री ने बंद कमरे में राफेल सौदे को लेकर बातचीत की और इसे बदलवाया। फ्रांस्वा ओलांद का धन्यवाद कि अब हमें पता चला कि उन्होंने (मोदी) दिवालिया अनिल अंबानी को अरबों डॉलर का सौदा दिलवाया। प्रधानमंत्री ने भारत के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने हमारे सैनिकों के लहू का अपमान किया है।’
फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कथित तौर पर कहा है कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपए के राफेल विमान सौदे में फ्रांस की विमान बनाने वाली कंपनी दसाल्ट एविएशन के ऑफसेट साझेदार के तौर पर अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस का नाम प्रस्तावित किया था और ऐसे में फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था।
फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद मोदी सरकार बैकफुट पर आ गई है। कांग्रेस से लेकर तमाम विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने हमले और तेज कर दिए। यहां तक कि पीएम मोदी के कुछ कट्टर समर्थकों ने भी स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री ओलांद की सनसनीखेज खुलासे के बाद बच निकलने के लिए संघर्ष कर रहें हैं।
फ्रांस्वा ओलांद के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस बयान कि भारत सरकार ने एक खास संस्था को राफेल में दसॉल्ट एविएशन का साझीदार बनाने के लिये जोर दिया, की पुष्टि की जा रही है।’ प्रवक्ता ने यह भी कहा, ‘एक बार फिर इस बात को जोर देकर कहा जा रहा है कि इस वाणिज्यिक फैसले में न तो सरकार और न ही फ्रांसीसी सरकार की कोई भूमिका थी।’
दरअसल, राहुल गांधी और कांग्रेस पिछले कई महीनों से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर जो सहमति बनी थी उसकी तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया जिससे एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया।