राफेल डील: फ्रांसीसी NGO ने दसॉल्ट के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत, राहुल गांधी बोले- ‘गली-गली तक ही नहीं, पूरे विश्व में शोर है, हिंदुस्तान का चौकीदार चोर है’

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वायु सेना के लिए 36 राफेल लड़ाकू विमान सौदे की कीमत को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राफेल डील विवाद की चिंगारी अब भारत से फ्रांस पहुंच चुकी है। जी हां, राफेल को लेकर भारत के बाद अब फ्रांस में भी माहौल गर्म होता जा रहा है। फ्रांस के एक भ्रष्टाचार निरोधी एनजीओ ने भारत के साथ हुई राफेल सौदे को लेकर देश के वित्तीय मामलों के लोक अभियोजक दफ्तर (Prosecutor’s Office) में एक शिकायत दर्ज कराई है और इस मामले में जांच किए जाने की मांग की है।

इस रिपोर्ट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तंज सकते हुए कहा है कि गली-गली तक ही नहीं, अब पूरे विश्व में शोर है, हिंदुस्तान का चौकीदार चोर है। कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर लिखा है, “हमारे चौकीदार की चोरी ने, फ्रांस की सरकार को मुश्किल में डाल दिया हैं। राफेल सौदे को लेकर अब फ्रांस की जनता जांच की मांग कर रही है। गली-गली तक ही नहीं, पूरे विश्व में ये शोर है, हिंदुस्तान का चौकीदार चोर है।”

क्या है मामला?

दरअसल, शेरपा नाम की यह एनजीओ आर्थिक अपराधों के खिलाफ कानूनी लड़ती है। राफेल सौदे में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए आर्थिक अपराधों के खिलाफ लड़ाई छेड़ने वाले फ्रांसीसी एनजीओ ने वहां के लोक अभियोजक दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई है। एनजीओ द्वारा कराई गई शिकायत में तथ्यों की गंभीरता से जांच कर यह स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने की मांग की है कि आखिर किन नियमों के जरिए भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों का सौदा हुआ?

इसके अलावा राफेल विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन की ओर से किस आधार पर भारतीय उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को ऑफसेट पार्टनर के रूप में चुना गया। शेरपा नामक एनजीओ ने कहा है कि उसकी यह शिकायत पूर्व मंत्री और एक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले वकील की ओर से सीबीआई में दायर शिकायत के आधार पर की गई है।

राफेल सौदे में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए आर्थिक अपराधों के खिलाफ लड़ाई छेड़ने वाले फ्रांसीसी एनजीओ ने वहां के लोक अभियोजक दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई है। एनजीओ द्वारा कराई गई शिकायत में तथ्यों की गंभीरता से जांच कर यह स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने की मांग की है कि आखिर किन नियमों के जरिए भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों का सौदा हुआ?

दसॉल्ट एविएशन भी घेरे में

इसके अलावा राफेल विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन की ओर से किस आधार पर भारतीय उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को ऑफसेट पार्टनर के रूप में चुना गया। शेरपा नामक एनजीओ ने कहा है कि उसकी यह शिकायत पूर्व मंत्री और एक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले वकील की ओर से सीबीआई में दायर शिकायत के आधार पर की गई है। यह शिकायत 26 अक्टूबर को गई थी, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि जांच शुरू हुई है या नहीं।

एनजीओ द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि यह उम्मीद है कि देश (फ्रांस) का राष्ट्रीय लोक अभियोजक कार्यालय तथ्यों की गंभीरता से जांच कर संभावित भ्रष्टाचार और अनुचित फायदे के बारे में पता लगाएगा। आपको दें कि 36 राफेल विमानों के सौदे को लेकर भारत में पिछले काफी समय से राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार की ओर से 2016 में फ्रांस के साथ की गई राफेल डील में बड़े घोटाले का आरोप लगाकर जांच की मांग कर रहे हैं।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल विमान सौदा मामले की अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने संबंधी विभिन्न याचिकाओं पर विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पिछले दिनों फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले न्यायालय ने स्पष्ट किया कि लड़ाकू विमान की कीमतों के बारे में अदालत में बहस का तब तक सवाल नहीं उठता जब तक इस बात का निर्णय न हो जाए कि कीमत की जानकारी सार्वजनिक की जा सकती है या नहीं।

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