देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘प्रचंड लहर’ पर सवार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रवाद, हिंदू गौरव और ‘नए भारत’ के मुद्दों पर लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करके लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाने जा रही है। भाजपा ने अकेले अपने दम पर 303 के जादुई आंकड़े को छूकर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। वहीं, कांग्रेस 52 सीटों तक ही सिमट गई हैं। भाजपा की लहर इतनी प्रचंड थी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने परिवार के गढ अमेठी में स्मृति ईरानी से हार गए, हालांकि वह केरल में वायनाड से जीत गए।
हालांकि, लोकसभा चुनावों में उत्तर, मध्य एवं पूर्वी भारत में ‘मोदी लहर’ को दरकिनार करते हुए कांग्रेस ने पंजाब की कुल 13 लोकसभा सीटों में से आठ पर जीत दर्ज की है। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को पंजाब में महज तीन सीटें मिली थीं। अकाली दल-भाजपा गठबंधन को चार सीटें और आम आदमी पार्टी को सिर्फ एक सीट मिली है।
पंजाब से शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी एवं परणीत कौर और रवनीत सिंह बिट्टू उन प्रमुख चेहरों में हैं जिन्हें जीत मिली है। केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार हरदीप सिंह पुरी, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ और अकाली दल के उम्मीदवार प्रेम सिंह चंदूमाजरा हारने वाले प्रमुख चेहरे हैं।
पिछले आम चुनावों में अकाली दल को चार सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार उसे सिर्फ दो सीटें मिली हैं। भाजपा ने होशियारपुर और गुरदासपुर सीटें जीती, लेकिन एक बार फिर अमृतसर सीट नहीं जीत सकी। पंजाब में ‘आप’ को पिछले आम चुनावों में चार सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार उसे सिर्फ एक सीट मिल सकी है। संगरूर सीट पर ‘आप’ उम्मीदवार भगवंत मान जीते हैं।
भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल उसके सहयोगी लगभग 350 सीटों पर जीत हासिल की है। राजग ने पिछले लोकसभा चुनाव में 336 सीटों पर विजय हासिल की थी। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद मोदी देश के तीसरे और पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री है जो लोकसभा में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने दूसरी बार इस धारणा को धराशाही कर दिया कि केंद्र की सत्ता में अब गठबंधन का दौर शायद ही खत्म हो।