जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के पूर्व नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के सातवीं बार शपथ ग्रहण करने के बाद उन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भाजपा ने इस पद पर ‘मनोनीत’ किया है और राज्य को कुछ और सालों तक ‘एक थके हुए और राजनीतिक रूप से महत्वहीन हो गए नेता’ के प्रभावहीन शासन के लिए तैयार रहना चाहिए।
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा मनोनीत मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए नीतीश कुमार को बधाई। मुख्यमंत्री के रूप में एक थके और राजनीतिक रूप से महत्वहीन हुए नेता के साथ बिहार को कुछ और सालों के लिए प्रभावहीन शासन के लिए तैयार रहना चाहिए।’’ ट्विटर पर बहुत सक्रिय रहने वाले किशोर ने पिछले करीब चार महीने में यह पहला ट्वीट किया है।
बता दें कि, कभी नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी रहे किशोर को जदयू उपाध्यक्ष बनाया गया था लेकिन उनके स्वतंत्र और अक्सर विरोधाभासी विचारों की वजह से दोनों के रिश्तों में खटास आ गयी और उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
भाजपा मनोनीत मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने पर @NitishKumar जी को बधाई।
With a tired and politically belittled leader as CM, #Bihar should brace for few more years of lacklustre governance.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) November 16, 2020
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सोमवार को सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, देवेन्द्र फडणवीस सहित पार्टी के शीर्ष्र नेता मौजूद रहें।
बता दें कि, नीतीश कुमार बिहार की सातवीं बार कमान संभाल रहे हैं। नीतीश इसके पहले तीन मार्च 2000 से 10 मार्च 2000 तक, 24 नवंबर 2005 से 24 नवंबर 2010 तक, 26 नवंबर 2010 से 17 मई 2014 तक, 22 फरवरी 2015 से 19 नवंबर 2015 तक, 20 नवंबर 2015 से 26 जुलाई 2017 तक तथा 27 जुलाई 2017 से अब तक बिहार की कमान संभाल चुके हैं।
गौरतलब है कि, 243 सदस्यों वाली बिहार विधान सभा के चुनाव नतीजों में 75 सीटों के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि 74 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर रही है। नीतीश कुमार की पार्टी 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है। सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए को 125 सीटों के साथ बहुमत हासिल हुआ है। वहीं, विपक्षी महागठबंधन 110 सीटें जीतने में कामयाब रहा है। (इंपुट: भाषा के साथ)