राष्ट्रीय जनता दल(RJD) के दबंग नेता और जदयू के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को 22 साल पुराने विधायक हत्याकांड मामले में मंगलवार(23 मई) को हजारीबाग कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस हत्याकांड में प्रभुनाथ सिंह के अलावा कोर्ट ने दीनानाथ और रितेश को भी उम्र कैद की सजा सुनाई है।
इससे पहले इस मामले में 18 मई को हजारीबाग कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया था। दोषी करार दिए जाने के साथ ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इन तीनों दोषियों को सजा का ऐलान किया।
बता दें कि प्रभुनाथ सिंह ने 22 साल पहले विधायक अशोक सिंह की हत्या को अंजाम दिया था। अशोक सिंह मशरक के विधायक थे। अशोक सिंह की हत्या 3 जुलाई 1995 को पटना में उनके सरकारी आवास 5 स्टैंड रोड में बम मारकर कर दी गई। उस समय वो आरजेडी के मशरख विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे।
हत्या का मुख्य आरोपी प्रभुनाथ सिंह को बनाया गया। प्रभुनाथ सिंह को हराकर ही अशोक सिंह मशरख से विधायक बने थे। सीवान जिले के महाराजगंज सीट के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल से हुई थी। इसके बाद वे जनता दल यूनाइटेड के साथ जुड़ गए और लगातार महाराजगंज की राजनीति में सक्रिय रहे।
2012 में वे जदयू से अलग हो गए और राजद के सदस्य बन गए। दबंग नेता प्रभुनाथ सिंह बिहार के काफी प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। एक समय बिहार के सीवान जिले के पूर्व बाहुबली सांसद मो. शहाबुद्दीन तथा प्रभुनाथ सिंह का अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में वर्चस्व था।
शहाबुद्दीन और प्रभुनाथ सिंह के समर्थकों में कभी-कभी झड़पें भी हो जाती थीं। वर्तमान में दोनों नेता राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य हैं इसलिए अब दोनों की दुश्मनी भी खत्म हो गई है। प्रभुनाथ सिंह ने पहली बार महाराजगंज संसदीय सीट से 2004 में जदयू के टिकट पर जीत हासिल की।2009 में हुए लोकसभा चुनाव में वे राजद के प्रत्याशी उमाशंकर सिंह से हार गए। फिर 2013 में हुए लोकसभा उपचुनाव में उन्होंने जदयू प्रत्यांशी पीके शाही को हराकर फिर से महाराजगंज सीट पर एक बार फिर कब्जा जमा लिया।