रात में विश्राम लेने के बाद अपने-अपने गंतव्यों से 24 घंटे की यात्रा कर शुक्रवार सुबह दिल्ली की सीमाओं- टिकरी, सिंघु बॉर्डर पहुंचे हजारों की तादात में किसानों का स्वागत ठंडे पानी की बौछारों से किया गया। सिंघु में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों पर एक के बाद नौ आंसू गैस के गोले दागे क्योंकि प्रदर्शनकारियों का इस तरह से पहुंचना उनके लिए खतरे का एक सूचक लगा।
गौरतलब है कि, दिल्ली पहुंचने के हर मार्ग पर किसानों के रास्ते तरह-तरह से रोके जा रहे हैं, जिन सबका सामना करते हुए थके-हारे किसान आगे बढ़ते चले जा रहे हैं। इस प्रदर्शन की शुरुआत छह राज्यों से हुई है, जिसमें किसान ट्रैक्टर्स, ट्रक, बाइक, साइकिल में सवार होकर हिस्सा ले रहे हैं। इन राज्यों में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और केरल के किसान शामिल हैं। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित किए गए कृषि विधेयकों को रद्द करने के लिए किसान जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों को एक कड़ा संदेश दिया गया है कि अगर वे दिल्ली की सीमा में प्रवेश करते हैं, तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। किसानों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए न केवल दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, जो उन पर आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को काबू में करने की कोशिश में जुटे हुए हैं, बल्कि उन्हें कैद करने के लिए नौ अस्थायी जेल भी तैयार रखे गए हैं।
सिंघू सीमा, टिकरी सीमा, दिल्ली-गुरुग्राम सीमा और फरीदाबाद सीमा पर भारी पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है, हालांकि प्रदर्शनकारियों के इरादों पर इसका कोई प्रभाव पड़ता नजर नहीं आ रहा है।
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान संसद के मानसून सत्र में पारित कृषि कानूनों के विरोध में आज दिल्ली मार्च कर रहे हैं और रोके जाने पर कई जगह उनके उग्र होने की खबर है जिसे देखते हुए दिल्ली की सीमा पर सतर्कता बरती जा रही है। किसानों का कहना है कि हाल में पारित तीनों कृषि कानून किसान विरोधी है। कांग्रेस इन क़ानूनों पहले से ही विरोध कर रही है। कानून को लेकर विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के कई संगठनों से संयुक्त मोर्चा बनाकर आज दिल्ली चलो का आहवान किया है। आंदोलन को देखते हुए दिल्ली की सीमाएं सील की गई हैं। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)