कांग्रेस ने किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ का समर्थन करते हुए गुरूवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार किसानों की आवाज सुनने के बजाय उन पर सर्दियों में पानी की बौछार और लाठियां मार रही है जो उसके तानाशाही होने का प्रमाण है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कड़ाके की ठंड में पानी की बौछार करने को अन्याय बताते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार विरोध कर रहे किसानों की बात सुनने की बजाय उनकी आवा को दबा रही है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसानों की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सब कुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है।”
नहीं हुआ है अभी सवेरा,
पूरब की लाली पहचान
चिड़ियों के जगने से पहले,
खाट छोड़ उठ गया किसान
काले क़ानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़,
अन्याय की बिजली चमकती चम-चम
मूसलाधार बरसता पानी,
ज़रा ना रुकता लेता दम!मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है। pic.twitter.com/UMtYbKqSkM
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 26, 2020
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसानों पर पानी की बौछार मारे जाने का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून का विरोध का रहे किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।’’
किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है।
किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं। #FarmersProtest pic.twitter.com/al8dG8ZZhi
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 26, 2020
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि आखिर ‘दिल्ली दरबार’ के लिए किसान कब से खतरा हो गए? सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘भीषण ठंड के बीच अपनी जायज़ मांगों को लेकर गांधीवादी तरीके से दिल्ली आ रहे किसानों को ज़बरन रोकना और पानी की तेज बौछार मारना मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही का जीवंत प्रमाण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ खेती बिलों के विरोध को लेकर हमारा पूर्ण समर्थन किसानों के साथ है।’’
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘आज देश का मज़दूर हड़ताल पर है, आज देश के बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं, आज देश का अन्नदाता किसान हड़ताल पर है, आज देश का बेरोज़गार युवा हड़ताल पर है, पर.क्या मोदी सरकार को देशवासियों की परवाह है? क्या ये राष्ट्रसेवा है या राष्ट्र हितों का विरोध? देश फ़ैसला करे!’’
आज देश का मज़दूर हड़ताल पर है
आज देश के बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं
आज देश का अन्नदाता किसान हड़ताल पर है
आज देश का बेरोज़गार युवा हड़ताल पर है
पर..
क्या मोदी सरकार को देशवासियों की परवाह है?क्या ये राष्ट्रसेवा है या राष्ट्र हितों का विरोध?
देश फ़ैसला करे!#FarmersDilliChalo
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 26, 2020
उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी जी, दिल्ली दरबार को देश के अन्नदाताओं से खतरा कब से हो गया? किसानों को रोकने के लिए उन्हीं के बेटे, यानी सेना के जवान खड़े कर दिए। काश, इतनी चौकसी चीन सीमा पर की होती तो चीन देश की सरज़मीं पर घुसपैठ करने का दुस्साहस नही करता। आपकी प्राथमिकताएं सदा गलत ही क्यों होती हैं?’’
मोदी जी,
दिल्ली दरबार को देश के अन्नदाताओं से ख़तरा कब से हो गया?
किसानों को रोकने के लिए उन्ही के बेटे, यानी सेना के जवान खड़े कर दिए।
काश, इतनी चौकसी चीन सीमा पर की होती तो चीन देश की सरज़मीं पर घुसपैठ करने का दुस्साहस नही करता।
आपकी प्राथमिकताएँ सदा ग़लत ही क्यों होती हैं? pic.twitter.com/dbFsHVXjJe
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 26, 2020
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान संसद के मानसून सत्र में पारित कृषि कानूनों के विरोध में आज दिल्ली मार्च कर रहे हैं और रोके जाने पर कई जगह उनके उग्र होने की खबर है जिसे देखते हुए दिल्ली की सीमा पर सतर्कता बरती जा रही है। किसानों का कहना है कि हाल में पारित तीनों कृषि कानून किसान विरोधी है। कांग्रेस इन क़ानूनों पहले से ही विरोध कर रही है। कानून को लेकर विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के कई संगठनों से संयुक्त मोर्चा बनाकर आज दिल्ली चलो का आहवान किया है। आंदोलन को देखते हुए दिल्ली की सीमाएं सील की गई हैं। (इंपुट: एजेंसी के साथ)