चार देशों की यात्रा पर रवाना हुए PM मोदी, आर्थिक संबंधों पर होगा विशेष जोर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार(29 मई) को जर्मनी, स्पेन, रूस और फ्रांस सहित चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस दौरान वह अपनी सरकार के विभिन्न सुधार कार्यक्रमों के मद्देनजर भारत में निवेश के अवसर को पुरजोर तरीके से रख सकते हैं।

फोटो: ANI

यात्रा का मकसद उन देशों के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देना तथा अधिक निवेश आमंत्रित करना है। मोदी अपनी छह दिवसीय यात्रा के पहले चरण में जर्मनी जाएंगे, जहां वह भारत-जर्मनी अंतर-सरकरी विमर्श (आईजीसी) के तहत चांसलर एंजिला मर्केल से मुलाकात करेंगे। वह जर्मन राष्ट्रपति फ्रेंक वाल्टर स्टीनमीयर से भी मुलाकात करेंगे।

मोदी ने कहा कि वह और मर्केल व्यापार और निवेश, सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबला, नवोन्मेष और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, शहरी बुनियादी ढांचा, रेलवे और नागर विमानन, स्वच्छ उर्जा, विकास सहयोग, स्वास्थ्य और वैकल्पिक चिकित्सा पर जोर देते हुए सहयोग का भावी रोडमैप तैयार करेंगे।

जर्मनी को मूल्यवान सहयोगी बताते हुए पीएम ने कहा कि जर्मन दक्षताएं भारत के रूपांतरण के लिए उनकी दृष्टि के साथ सटीक बैठती है। बर्लिन में, मोदी और मर्केल दोनों देशों के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ बातचीत करेंगे, ताकि व्यापार एवं निवेश संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके।

उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि मुझे भरोसा है कि इस यात्रा से जर्मनी के साथ हमारे द्विपक्षीय सहयोग में एक नया अध्याय शुरू होगा और हमारी रणनीतिक भागीदारी और प्रगाढ़ होगी। मोदी मंगलवार को स्पेन की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। पिछले करीब तीन दशक में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा होगी।

वह किंग फेलिप-6 से मुलाकात करेंगे और राष्ट्रपति मारियानो राजोय के साथ बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि हम द्विपक्षीय संवाद बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे, खासकर आर्थिक क्षेत्र में और साझा चिंताओं वाले अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग, विशेष रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की काफी संभावना है।

उन्होंने कहा कि हम आधारभूत ढांचा, स्मार्ट सिटी, डिजिटल अर्थव्यवस्था, गैर पारंपरिक उर्जा, रक्षा और पर्यटन सहित विभिन्न भारतीय परियोजनाओं में स्पेनिश उद्योग की भागीदारी चाहते हैं। वह स्पेनिश उद्योग के प्रमुख अधिकारियों से भी मिलेंगे और उन्हें ‘मेक इन इंडिया’ पहल में सहयोगी बनने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

प्रधानमंत्री स्पेन के बाद 31 मई से दो जून के बीच रूस में सेंट पीटर्सबर्ग की यात्रा पर रहेंगे। वह 18वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन के लिए वहां की यात्रा पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ विस्तृत चर्चा करूंगा ताकि अक्तूबर 2016 में गोवा के शिखर सम्मेलन में हुई बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाया जा सके। दोनों नेता दोनों देशों के विभिन्न सीईओ से भी बातचीत करेंगे।दो जून को मोदी और पुतिन सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनोमिक फोरम को संबोधित करेंगे जहां भारत अतिथि राष्ट्र है। उन्होंने कहा, अपनी तरह की पहली मुलाकात में, मुझे विभिन्न रूसी क्षेत्रों के गर्वनरों से भी बातचीत करने का मौका मिलेगा ताकि द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाया जा सके। मोदी अपनी यात्रा के दौरान पिस्कारोवस्कोय कब्रगाह भी जाएंगे जहां वह लेनिनग्राद पर हमले के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देंगे।

वह दुनिया भर में प्रसिद्ध “स्टेट हर्मिटेज म्यूजियम” और “इंस्टीच्यूट आफ ओरिएंटल मैन्युस्क्रिप्ट” भी जाएंगे। मोदी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए इस खास वर्ष में सेंट पीटर्सबर्ग की अपनी यात्रा को लेकर काफी उत्सुक हैं, क्योंकि दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं। यात्रा के आखिरी चरण में वह दो से तीन जून के बीच फ्रांस की यात्रा करेंगे और राष्ट्रपति ई मैक्रॉन से मिलेंगे।

पीएम मोदी ने कहा, “फ्रांस हमारे सर्वाधिक रणनीतिक सहयोगियों में से एक है। मैं राष्ट्रपति मैक्रॉन से मिलने को उत्सुक हूं और परस्पर हित के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।” उन्होंने कहा कि वह फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। इनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सुधार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता, विभिन्न निर्यात संगठनों में भारत की सदस्यता, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, जलवायु परिवर्तन पर सहयोग और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन शामिल हैं।

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